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टीबी नोटिफिकेशन में निजी चिकित्सकों को गंभीरता दिखाने की जरूरत, सीएमओ

• वाराणसी में निजी क्षेत्र में टीबी नोटिफिकेशन बढ़ाने पर दिया जाए जोर

• मण्डल में निजी क्षेत्र की तुलना में सरकारी में ज्यादा हो रहा नोटिफिकेशन

वाराणसी। देश को वर्ष 2025 तक देश को ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) मुक्त बनाने की प्रधानमंत्री की मुहिम में निजी क्षेत्र के चिकित्सकों को भी आगे आना होगा। सरकारी क्षेत्र के सापेक्ष निजी क्षेत्र में टीबी नोटिफिकेशन बहुत कम है। इस पर बहुत अधिक जोर देने की जरूरत है। सरकारी अस्पताल टीबी मरीजों के इलाज के साथ उन्हें शत-प्रतिशत नोटिफाई करने में जुटे हैं लेकिन निजी चिकित्सक अभी भी नोटिफिकेशन में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसके लिए उन्हें बार-बार निर्देश दिए जा रहे हैं। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी का।

सीएमओ कार्यालय सभागार में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम व टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा की। इस दौरान सीएमओ ने जिला क्षय रोग केंद्र के समस्त कर्मियों को निजी क्षेत्र में अधिक से अधिक नोटिफिकेशन बढ़ाने के लिए निर्देशित किया।

वाराणसी के जिला क्षय रोग अधिकारी पीयूष राय का कहना है कि निजी चिकित्सकों को प्रति टीबी मरीज के नोटिफिकेशन पर 500 रुपए और सफलतापूर्वक इलाज पूरा होने पर 500 रुपए दिए जाते हैं। लिहाजा निजी चिकित्सक अपने मरीज का नोटिफिकेशन कराकर सरकार के संकल्प में मददगार बनें और प्रोत्साहन राशि भी पाएं। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन इसलिए बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे जहाँ एक ओर मरीजों की शीघ्र पहचान हो सकेगी वहीं जल्द से जल्द उनका उपचार शुरू कर बीमारी से मुक्ति दिलाई जा सकेगी।

देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने को लेकर इस समय हर कोई मिशन मोड में है। इसी के तहत हर टीबी मरीज को पोर्टल पर नोटिफाई करने पर भी पूरा जोर है। इस वर्ष अबतक वाराणसी जिले में कुल 12,534 टीबी मरीज नोटिफाई हुए हैं जिसमें से 8,486 सरकारी क्षेत्र और 4048 निजी क्षेत्र में नोटिफाई हुए।
डॉ पीयूष ने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके मुताबिक, सरकारी के अलावा निजी क्षेत्र के डॉक्टरों को भी टीबी के मरीजों का पूरा ब्योरा सरकार को देना होगा।

कोई डॉक्टर मरीजों की रिपोर्ट छुपाता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 269/270 के तहत एफआईआर दर्ज करवाने का नियम है। इसमें जुर्माना सहित छह माह से दो साल तक की सजा का प्रावधान है। वाराणसी मंडल के बाकी जिलों में भी निजी क्षेत्र में टीबी नोटिफिकेशन बहुत कम हुआ है। सेंट्रल टीबी डिविजन की वेबसाइट से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस साल पहली जनवरी से अब तक गाज़ीपुर में 2,879 मरीज नोटिफाई हुए हैं जिसमें से 2536 मरीज सरकारी व 343 निजी क्षेत्र की ओर से भेजे गए हैं। जौनपुर में इस साल सरकारी में 5058 सरकारी तो प्राइवेट में 886 टीबी मरीजों का ही नोटिफिकेशन हुआ है।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता 

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