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गांव-गांव बुखार ग्रसित मरीजों की हो रही निगरानी

• डेंगू को लेकर सभी सात ब्लाकों में एक्टिव हैं आरआरटी टीमें

• बुखार के मरीज मिलने पर गांवों में एंटी लार्वा का छिड़काव

औरैया। प्रदेश के कई जिलों में फैले डेंगू बुखार को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। जिला अस्पताल में दस बेडों का अलग से डेंगू वार्ड बना दिया गया है। गांव-गांव आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से बुखार से ग्रसित मरीजों की खोजबीन कराई जा रही है। जिन गांवों में बुखार के केस मिल रहे हैं, वहां एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में डेंगू बुखार से निपटने के सभी इंतजाम हैं।

इस वक्त वायरल फीवर की वजह से अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीजों की भीड़ लग रही है। डेंगू बुखार को लेकर भी मरीजों में डर का माहौल है। जिला अस्पताल में संभावित डेंगू मरीजों की जांच की जा रही है। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की रैपिड रेस्पॉन्स टीमें एक्टि व मोड पर आ गई हैं। कुल सात रैपिड रेस्पॉन्स टीमें हैं।

संचारी रोगों के नोडल और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज का कहना है कि जनपद में अभी तक एलाइजा जाँच में डेंगू के किसी भी केस की पुष्टि नहीं हुई है | उन्होंने बताया कि आरडीटी किट से सात डेंगू के मामले सामने आये हैं साथ ही वायरल फीवर के मरीज भी बढ़े हैं, जिनका सभी अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है। पर्याप्त मात्रा में दवाएं और जांच के इंतजाम हैं। उन्होंने बताया कि गांवों में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर बुखार से ग्रसित मरीजों की खोजबीन कराई जा रही है। बड़ी तादाद में किसी भी गांव में बुखार की पुष्टि नहीं हुई हैं, जहां भी मरीज मिल रहे हैं, वहां एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया जा रहा है।

हर हालात से निपटने को तैयार

जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ.कुलदीप कुमार यादव ने बताया कि अस्पताल में दस बेडों का अलग से डेंगू वार्ड बना दिया गया है। जिसमें संभावित डेंगू मरीजों को भर्ती करके उपचार किया जा रहा है। अभी तक स्थिति सामान्य है। वायरल फीवर ही जोर पर चल रहा है। लेकिन अस्पताल सभी तरह के हालातों से निपटने में सक्षम है।

बुखार आए तो लापरवाही न बरतें

डॉ मनोज का कहना है कि इस मौसम में आने वाले बुखार में लापरवाही बरतना जानलेवा साबित हो सकता है। जैसे ही बुखार आता है तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें। कई केसों में डेंगू बुखार शुरुआत में सामान्य बुखार जैसा ही लगता है, जिसके कारण सामान्य बुखार और डेंगू के लक्षणों में फर्क समझ नहीं आता है। इस बुखार के इलाज में थोड़ी सी लापरवाही भी खतरनाक साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि डेंगू कई प्रकार होता है लेकिन डेंगू हेमरेजिक बुखार थोड़ा खतरनाक साबित हो सकता है। इसमें प्लेटलेट और वाइट ब्लड सेल्स की संख्या कम होने लगती है।

डेंगू बुखार के लक्षण

ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ना।
सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।
आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना।
बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना।
जी मिचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना।
गले में हल्का-सा दर्द होना।
शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना।

डेंगू बुखार से बचाव

आउटडोर में पूरी बांह की शर्ट, बूट, मोजे और फुल पैंट पहनें। खासकर बच्चों के लिए इस बात का जरूर ध्यान रखें। मच्छर गाढ़े रंग की तरफ आकर्षित होते हैं इसलिए हल्के रंग के कपड़े पहनें। तेज महक वाली परफ्यूम लगाने से बचें क्योंकि मच्छर किसी भी तरह की तेज महक की तरफ आकर्षित होते हैं। कमरे में मच्छर भगाने वाले स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि का प्रयोग करें। मस्किटो रेपलेंट को जलाते समय सावधानी बरतें। इन्हें जलाकर कमरे को 1-2 घंटे के लिए बंद कर दें।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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