लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे पर वाणिज्य विभाग द्वारा पार्सल, पार्किंग, विज्ञापन, ए.सी. प्रतीक्षालय, ए.टी.एम. तथा पे एण्ड यूज प्रसाधन आदि जैसे अर्निंग एसेट्स की ई-नीलामी इण्डियन रेलवेज ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम पोर्टल (आई.आर.ई.पी.एस.) के माध्यम से की जा रही है।
लखनऊ मंडल के वाणिज्य विभाग द्वारा 13 पार्किंग स्थलों की ई-नीलामी 17 अगस्त को की गई तथा तीन वर्षों की अवधि के लिये लाइसेंस फीस के रूप में ₹ 9.24 करोड़ के रेल राजस्व की प्राप्ति हुई। उल्लेखनीय है कि अभी तक लखनऊ मंडल द्वारा सम्पादित किये गये वाणिज्यिक ई-नीलामी के परिणामस्वरूप कुल ₹ 50 करोड़ का रेल राजस्व अर्जित किया गया।
व्यवस्था को पारदर्शी एवं सभी के लिये सुलभ बनाने हेतु भारतीय रेल ने ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (आई.आर.ई.पी.एस.) के माध्यम से वाणिज्यिक आय और गैर-किराया राजस्व अनुबंधों को इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के दायरे में लाने के लिए कदम उठाये हैं। डिजिटल इंडिया एवं डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के क्रम मे भारतीय रेल द्वारा यह ई-नीलामी पोर्टल लॉन्च किया गया है।
आई.आर.ई.पी.एस पोर्टल के माध्यम से वाणिज्यिक आय एवं गैर-किराया राजस्व अनुबंधों की इलेक्ट्रॉनिक नीलामी की अनेक विशेषतायें हैं। इस पोर्टल के माध्यम से भारत में कहीं भी स्थित बोलीदाता केवल एक बार पंजीकरण कर भारतीय रेल की किसी भी फील्ड यूनिट की नीलामी में भाग ले सकते हैं। नई व्यवस्था के अन्तर्गत कोई भी इच्छुक व्यक्ति व्यावसायिक अथवा कम्पनी इस ई-ऑक्शन में प्रतिभाग कर सकता है। प्रक्रिया को बेहद सरल एवं तीव्र बनाया गया है। ई-ऑक्शन से प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण विकसित होने के फलस्वरूप रेल प्रशासन को उचित रेल राजस्व प्राप्त हो रहा है। ऑनलाइन होने के कारण यह प्रणाली अत्यन्त पारदर्शी है तथा इससे कार्यकुशलता में भी वृद्धि हो रही है। ई-ऑक्शन की पूरी प्रक्रिया मात्र 12 दिनों में पूरी हो जाती है, जबकि पहले इस कार्य में महीनों लगता था। समय से प्रक्रिया पूर्ण होने से तथा प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनने से रेल यात्रियों की सुविधाओं में भी बढ़ोत्तरी हो रही है।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी