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वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड की बात का कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने किया खंडन

वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड की बात को पूरी तरह से अफवाह बताते हुए कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने इसका खंडन किया है। इसके साथ ही उन्होंने विश्वनाथ मंदिर दर्शन में वेशभूषा की बात से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी फॉर्मल प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। यह सुझाव आया था जिसपर चर्चा की गई लेकिन अभी तक इस व्यवस्था को लागू नहीं किया गया है।

गौरतलब हो वाराणसी के प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में पुरुष और महिलाओं के लिए ड्रेस कोड लागू किए जाने का समाचार प्रमुख समाचार पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसमें निर्धारित ड्रेस कोड के मुताबिक, मंदिर में काशी विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन के लिए अब पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य होगा। इन्हीं पारंपरिक वस्त्रों के धारण करने के बाद ही काशी विश्वनाथ को स्पर्श किया जा सकेगा।

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने काशी विश्‍वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन की व्‍यवस्‍था तय करने को लेकर सूबे के धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी की अध्‍यक्षता में मंदिर प्रशासन और काशी विद्वत परिषद के सदस्‍यों की बैठक कमिश्‍नरी सभागार में किये जाने की बात की पुष्टि करते हुए कहा कि यह विचार बैठक के दौरान सुझाव के तौर पर आया था, फिलहाल अभी इसपर कोई अमल नहीं किया जा रहा है।

काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर यह अफवाह उड़ाई गयी जिसके तहत नई व्यवस्था के मुताबिक श्रद्धालुओं को जींस, पैंट, शर्ट और सूट पहने लोगों को दर्शन तो मिलेंगे लेकिन उन्हें स्पर्श दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी। इस नई व्यवस्था को मकर संक्रांति के बाद लागू किये जाने बात चैनलों और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचारित की गई थी जिसका कमिश्नर वाराणसी ने खंडन किया है।

 

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