मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की प्रेरणा से विकास के अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं। इसी क्रम में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह ऐलान भी उन्होंने केंद्र सरकार के रोडमैप को ध्यान में रखकर किया था। केंद्र सरकार ने देश को पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था तक पहुंचाने का लक्ष्य बनाया था।।
योगी आदित्यनाथ ने इसी के तहत उत्तर प्रदेश के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत में संघीय शासन व्यवस्था है। प्रदेशों के सहयोग के बिना भारत को आर्थिक महाशक्ति नहीं बनाया जा सकता। इसलिए योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को देश की आर्थिक विकास यात्रा का सबसे बड़ा सहयोगी बनाने का मंसूबा व्यक्त किया। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाया जाएगा। योगी ने कहा भी था कि देश का प्रत्येक पांचवां व्यक्ति उत्तर प्रदेश का है। ऐसे में उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक ले जाना हमारा कर्तव्य है।
यह लक्ष्य उत्तर प्रदेश में मौजूद संसाधनों के माध्यम से ही हासिल किया जा सकता है। इस विशाल प्रदेश में जितनी कृषि भूमि और जल संसाधन है,उसके सुनियोजित उपयोग से ही प्रदेश की स्थिति बदल सकती है। उत्तर प्रदेश की जमीन उर्वरा है। मृदा परीक्षण और वैज्ञानिक कृषि के द्वारा यह प्रदेश पूरी दुनिया का पेट भर सकता है।
इसी के साथ योगी सरकार प्रदेश के औद्योगिक विकास की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रही है। इंवेस्टर्स समिट में आये प्रस्तावों का शिलान्यास भी हो चुका है। सर्वांगीण विकास के बल पर उत्तर प्रदेश न्यू इंडिया के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान करेगा। एक बार फिर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नरेन्द्र प्रधानमंत्री ने भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर का बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्तर प्रदेश की बड़ी भूमिका है। राज्य सरकार का संकल्प उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करना है। इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बेरोजगारी दर विगत चार वर्षाें में सत्रह प्रतिशत से गिरकर पांच प्रतिशत पर आ गयी है।
अब यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। मुख्यमंत्री ने डेढ़ लाख से अधिक किसान क्रेडिट कार्डों की वर्चुअल स्वीकृति प्रदान की। मेगा कैम्प में नौ हजार करोड़ रुपए के ऋण की ऑनलाइन स्वीकृति प्रदान की गई। विगत चार वर्षों में प्रदेश में बैंकिंग व्यवसाय में छह लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है। ऋण जमा अनुपात में भी छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले चार वर्षों में प्रदेश में लगभग तैतलिस हजार नए बैंकिंग आउटलेट स्थापित कराए गए हैं, जो एक नया कीर्तिमान है।
ग्रामीण बैंकों को अत्यधिक क्रियाशील बनाते हुए उनका पुनर्गठन भी किया गया है। एक जनपद,एक उत्पाद योजना तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान स्टैण्डअप स्टार्टअप,मुद्रा योजना इत्यादि योजनाओं के सकारात्मक परिणाम मिल रहे है।