लखनऊ/दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के द्वारा आज भी हंगामा करने पर उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सांसद दिनेश शर्मा ने पत्रकारों से दिल्ली में बात करते हुए कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहब अम्बेदकर द्वारा दिये गए संविधान को अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ कर जनता के सामने समय समय पर पेश किया। अगर इसे उसी भावना से पेश किया गया होता तो जो आज जातीयता, प्रांतीयता एवं अलगाववाद का भाव आज पनपने नही पाता। भारत का संविधान सबको समान प्रेरणा देता है तथा इसमें दलीय भावना नही होनी चाहिए।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान यह कहीं नही कहता कि अल्पसंख्यकों के लिए अलग कानून होना चाहिए तथा बहुसंख्यकों के लिए अलग कानून होना चाहिए।संविधान में वक्फ बोर्ड बनाने का जिक्र कहीं भी नही है। हिन्दू को भी शिक्षा मिले और मुसलमानों को भी शिक्षा मिले तथा दोनो की शिक्षा में कहीं भेदभाव नही होना चाहिए। बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर ने जो संविधान बनाया था उसमें सीता माता, भगवान राम और बजरंगबली की फोटो थी, बुद्ध की फोटो थी तथा तमाम मन्दिरों की फोटो थी।उसमें झांसी की रानी तथा सुभाष चंद्र बोस जी की भी फोटो थी। संविधान के संरक्षण का भाव देश को मजबूत भी बनाता है तथा लोगों को एक साथ रहने का रास्ता भी बताता है।
सांसद शर्मा से जब पूंछा गया कि कैबिनेट द्वारा पारित किये गए एक देश एक चुनाव के बारे में वे क्या सोचते हैं तो उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है। यह कानून सबके हित चिंतन के भाव से बना कानून है इसमें चुनाव पर आने वाले व्यय और अपव्यय में न केवल कमी आएगी बल्कि इसके पीछे समन्वय और एकता, निष्पक्षता एवं एकरूपता का भाव छिपा हुआ हैं। चुनाव के कारण बार बार सरकारी काम में जो बाधा आती है वह भी इससे दूर होगी। उन्होंने राज्यसभा न चलने देने के लिये विपक्ष की आलोचना की।
“चोट करनी है तो दिमाग पर करें, दिल पर नहीं,” जानें जगदीप धनखड़ ने ऐसा क्यों कहा