पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता बूटा सिंह का निधन हो गया. वह 86 साल के थे. उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का बहुत करीबी माना जाता था. केंद्र में कांग्रेस की अलग-अलग सरकार के दौरान उन्होंने गृह मंत्री, कृषि मंत्री, रेल मंत्री समेत कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली. वह बिहार के पूर्व राज्यपाल भी रहे. बूटा सिंह राजस्थान से कांग्रेस के सांसद भी रहे. वह राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बूटा सिंह लंबे समय से बीमार थे. उन्हें अक्टूबर में ब्रेन हैमरेज के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था. इस बीच दो जनवरी (शनिवार) को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकी पहचान पंजाब के बड़े दलित नेता के तौर पर रही. बूटा सिंह कांग्रेस की कई सरकारों का हिस्सा रहे. राजीव गांधी सरकार में उन्हें गृह मंत्री की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 1967 से लगातार पंजाब के रोपड़ चुनाव लड़ते आ रहे थे. हालांकि, 1984 में रंग बदला था वजह थी ऑपरेशन ब्लू स्टार और 84 के सिख विरोधी दंगे. इस दौरान पंजाब में चुनाव के हालात तो नहीं थे. ऐसे में राजीव गांधी ने उस समय बूटा सिंह को पंजाब से राजस्थान भेज दिया था. मारवाड़ का इलाका और जालौर की सुरक्षित सीट पर बूटा सिंह ने तब आसानी से जीत दर्ज की थी. इस बार वह दो साल तक कृषि मंत्री और फिर गृहमंत्री का पद संभालते रहे.