एक तरफ पाकिस्तान दुनिया के सामने कटोरा लेकर खड़ा है। अपनी इकॉनमी बचाने के लिए वह इधर-उधर से पैसे मांग रहा है। आईएमएफ के सामने बार-बार गुहार लगा रहा है। इसके बावजूद पाकिस्तान कश्मीर राग अलापने से बाज नहीं आ रहा है।
रविवार को पाकिस्तान में कश्मीर एकजुटता दिवस का आयोजन किया गया। इसके तहत पाकिस्तान में जगह-जगह कई तरह के के आयोजन किए गए। सिर्फ इतना ही नहीं, इस मौके पर सार्वजनिक अवकाश की भी घोषण की गई थी।
हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तान देश के अंदर ही विभिन्न मोर्चों पर जूझ रहा है। एक तरफ आर्थिक संकट ने उसे मरने के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। तीन दिन पहले ही उसके पास मात्र 18 दिन का सामान आयात करने का विदेशी मुद्रा भंडार था। वहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तान में सियासी हालात भी माकूल नहीं हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार शाहबाज शरीफ को चुनौती दे रहे हैं। इन सबके बीच पाकिस्तान आतंकी हमलों से भी जूझ रहा है। हाल ही में पेशावर के मस्जिद में हुए धमाकों में सैकड़ों लोग मारे गए। इस हमले के पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का हाथ बताया गया था।
गौरतलब है कि बीते कुछ वक्त से पाकिस्तान खस्ताहाल है। आलम यह है कि वहां पर दाने-दाने के लिए संघर्ष चल रहा है। आए दिन से पाकिस्तान से ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं, जो वहां की बदहाली साफ बयां कर रहे हैं। खाने की चीजों के दाम सातवें आमसान पर पहुंच चुके हैं। इन सबके बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कश्मीर एकजुटता दिवस के मौके पर देश को संबोधित कर रहे हैं। अपने देश की हालत को संभालने पर ध्यान देने के बजाए शाहबाज शरीफ आजाद जम्मू और कश्मीर पर ज्ञान दे रहे हैं। जबकि कुछ वक्त पहले यही शाहबाज शरीफ खुद कह चुके हैं कि उन्हें अन्य देशों से भीख मांगते हुए शर्म आती है।