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डिजिटल मानवाधिकार शोध के लिए समकालीन विषय बेहद महत्वपूर्ण : डॉ अमन दीप सिंह

लखनऊ। श्री राम मूर्ति स्मारक इंटरनेशनल बिज़नेस स्कूल उन्नाव में उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग एवं डॉ राम मनोहर लोहिया राष्टीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में “डिजिटल मानवाधिकार : उत्तर प्रदेश राज्य में उभरते आयाम एवम चुनौतियां” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रो श्याम लाल गुप्ता निदेशक, श्री राम मूर्ति स्मारक इंटरनेशनल बिज़नेस स्कूल के संरक्षण में संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ।

डॉ अमन दीप सिंह

प्रोजेक्ट निदेशक व वक्ता डॉ अमनदीप सिंह ने कहा कि भारत के संविधान की प्रस्तावना में वर्णित न्याय, समानता, बंधुत्व और स्वतंत्रता जैसे मूल्यों की डिजिटल युग में प्राप्ति हेतु डिजिटल मानवाधिकार अति महत्वपूर्ण हैं। कोविड-19 महामारी ने डिजिटल सेवाओं की क्षमता का खुलासा किया, जिस कारण दुनिया भर में डिजिटल मानवाधिकारों पर काफी चर्चा हो रही है। डिजिटल मानवाधिकार इंटरनेट युग के लिए मानवाधिकारों का विस्तार है।

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भारत सरकार द्वारा संचालित डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की कामयाबी के लिए प्रत्येक व्यक्ति का डिजिटल साक्षर होना आवश्यक हैं। इंटरनेट का उपयोग प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ रहा है। इंटरनेट मानवाधिकारों की प्राप्ति और आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक अनिवार्य उपकरण बन गया है। सामाजिक विकास संबंद्धता के लिए सभी को विधिक जानकारी का होना आवश्यक हैं।

वर्तमान परिक्षेय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज प्रत्येक क्षेत्र के अपनी क्षमता का प्रचार कर रहा है और मानव संसाधन का विकल्प बन रहा हैं। भारत एक ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में तभी विकसित होगा जब प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से डिजिटल साक्षारता को बढ़ावा दिया जायेगा।

डॉ अमन दीप सिंह

डॉ ललित कुमार यादव, असिस्टेंट प्रोफेसर, श्री राम मूर्ति स्मारक इंटरनेशनल बिज़नेस स्कूल ने कहा कि लोगों के पास अपने अधिकारों का प्रयोग करने और समाज में पूरी तरह से भाग लेने के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने के लिए सूचना और साधन तक पहुंच होनी चाहिए। डिजिटल युग में व्यक्तिगत अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए डिजिटल मानवाधिकार आवश्यक हैं। अपनी संस्था की तरफ से डॉ ललित कुमार यादव ने प्रोजेक्ट टीम का स्वागत किया।

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संगोष्ठी में मुख्य रूप से इस बात पर ज़ोर दिया गया कि जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है और डिजिटल उपकरणों और इंटरनेट पर हमारी निर्भरता बढ़ती जा रही है। लोगों ने भूल जाने के अधिकार, निजता के अधिकार, संवेदनशील डेटा सुरक्षा आदि जैसे मुद्दों को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। इस डिजिटल माहौल में डिजिटल मानवाधिकार अकादमिक शोध के लिए महत्वपूर्ण विषय बन चुके हैं।

डॉ अमन दीप सिंह

कार्यक्रम के दौरान एक प्रश्नावली के माध्यम से छात्रों से डिजिटल मानवाधिकार के प्रति उनके नजरिये की जानकारी ली गयी। इस जानकारी को उप्र मानवाधिकार आयोग को प्रेषित किया जायेगा। कार्यक्रम के अंत में प्रोजेक्ट निदेशक डॉ अमन दीप सिंह ने डॉ ललित कुमार यादव को स्मृति चिन्ह देकर उनका आभार व्यक्त किया।उक्त कार्यक्रम संचालन ऋषि शुक्ला ने किया।

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