Breaking News

दूरस्थ शिक्षा में राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का योगदान

लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या और बढ़ानी चाहिए। आने वाले वर्षों में एक लाख से ज्यादा शिक्षार्थियों की संख्या होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश 25 करोड़ की आबादी वाला राज्य है। सभी को शिक्षा प्राप्त नहीं होती है। उन्हें दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षित किया जा सकता है। नई शिक्षा नीति के तहत भी छात्र छात्राओं को शिक्षा के साथ रोजगार से जोड़ा जाना चाहिए। छात्र छात्राएं बगैर शिक्षक के भी रिसर्च कर आगे बढ़ सकते हैं। ऑनलाइन शिक्षा की दिशा में भी तेजी से काम हुआ है।

दूरस्थ शिक्षा में राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का योगदान

राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का 18 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. उन्होंने उपाधि और मेडल पाने वाले छात्र-छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। कहा कि छात्र -छात्राओं ने कठिन परिश्रम करके विशिष्ट उपलब्धि हासिल की है। यहां से घर जाकर सबसे पहले माता को प्रणाम करना। जिनकी प्रेरणा से आपको यह मुकाम हासिल हुआ है। पढ़ाई के वक्त समय की कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए। छात्र- छात्राओं के लिए छह घंटे की नींद पर्याप्त है और अठारह घंटे में प्लानिंग कर पढ़ाई की जा सकती है।

👉ब्रजेश पाठक ने किया अन्नपूर्णा प्रसादम सेवा रसोई का शुभारंभ

इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 10 आंगनबाड़ी केंद्रों को विश्वविद्यालय की तरफ से किट भेंट किया। इसके साथ ही 30 अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों को भी उनके द्वारा किट प्रदान की गई। उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों द्वारा लिखी गई चार पुस्तकों का भी विमोचन किया। विभिन्न प्रतियोगिताओं के
प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया। मूक बधिर बच्चों को भी शिक्षा किट प्रदान किया।

कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने स्वागत भाषण पढ़ा और विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या पेश की। उन्होंने विश्वविद्यालय के 25 वर्ष के सफर के बारे में भी बताया और विश्वविद्यालय में शुरू होने वाले नए पाठ्यक्रमों की भी जानकारी दी।

About Samar Saleel

Check Also

विकसित भारत के संकल्प को पूर्ण करने में लखनऊ और पूर्वी विधानसभा का महत्वपूर्ण योगदान- ओपी श्रीवास्तव

• भाजपा को भारी मतों से लखनऊ की लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में जीत दिलाएंगे ...