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भारत को विश्वगुरू बनाने में महिलाओं का योगदान

एक समय ऐसा था जब भारत विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित था। विगत कुछ वर्षों में भारत की अनेक विरासत को दुनिया ने स्वीकार किया है। प्राचीन भारत के ज्ञान विज्ञान को स्वीकार किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति भी इस दिशा में आगे बढ़ने का माध्यम हो सकती है। राज्यपाल नई शिक्षा नीति की इस रूप में भी रेखांकित कर चुकी है। इसके साथ ही वह इस ध्येय यात्रा में महिलाओं के योगदान व भूमिका को भी महत्वपूर्ण मानती है।

एक बार फिर उन्होंने कहा कि नारी शक्ति देश को विश्वगुरू बनाने में अपना अहम योगदान प्रदान कर सकती है। उनके योगदान से यह देश विश्वगुरू बनेगा। सामाजिक कुरीतियों को मिटाने में महिलाओं को विशेष रूप से सक्रिय होने चाहिए। दहेज प्रथा एवं बाल विवाह जैसी कुरीतियों को मिटाने में महिलाओं का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। इसके लिए उन्हें आगे आकर कार्य करना चाहिए ताकि समाज से दहेज प्रथा एवं बाल विवाह जैसी कुरीतियां समाप्त हो सके। राज्यपाल ने कहा कि सभी महिलाएं अपने बच्चों को पढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान दें। बालिकाओं को पढ़ाने के लिए सभी महिलाएं विशेष प्रयास सुनिश्चित करें ताकि महिला सशक्तिकरण और अधिक तेजी से आगे बढ़ सके।

आनंदीबेन पटेल ने महिला सशक्तिकरण, महिलाओं के उत्थान एवं विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के उददेश्य से गौतमबुद्धनगर स्थित एमेटी विश्वविद्यालय के सहयोग से आंगनबाड़ी केन्द्रों को पठन पाठन एवं खेलकूद सामग्री किट का वितरण किया। गर्भवती महिलाओं की गोदभराई भी करायी। राज्यपाल की प्रेरणा से इंजीनियरिंग कालेज आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए आगे आकर कार्यवाही कर रहे है। एकेटीयू द्वारा तीस, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय,मेरठ द्वारा इक्यावन,अम्बुजा सीमेंट द्वारा सौ एवं एचसीएल फाउण्डेशन द्वारा एक सौ पच्चीस आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया है।

इसके अलावा राज्यपाल जी कासना कारागर में महिला बंदियों को सशक्त बनाने एवं सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से महिला बैरक में लगाने के लिए एक सेनेटरी नेपकिन वेंड़िग मशीन, एक इन्सिनिरेटर मशीन, एक एयर कूलर, एक इन्डक्सन,एक गीजर, एक म्यूजिक सिस्टम तथा महिलाओं के कौशल विकास के उददेश्य से नौ कम्प्यूटर सेट तथा महिला के कैदियों के बच्चों को कपड़े व खिलौने, जिनकी कुल लागत दी लाख सड़सठ हजार से अधिक रूपये राजभवन निधि के माध्यम से जेल अधीक्षक को उपलब्ध कराये। उन्होंने वृद्धा आश्रम में निवासरत वृद्ध संवासियों को सुविधा हेतु दो रेंफ्रीजरेटर,दो आरओ मशीन,दो वाशींग मशीन,दस सीलिंग फैन,दो इन्वर्टर,चार स्ट्रीट लाईट एवं एल.ई.डी टेलीविजन,जिनकी कुल लागत तीन लाख इकतालीस हजार रुपये राजभवन निधि के माध्यम से जिला समाज कल्याण अधिकारी को उपलब्ध करायी।

राज्यपाल द्वारा इस अवसर पर दो महिला स्वयं सहायता समूह को एक एक लाख रुपये की धनराशि सीसीएल के रूप में उपलब्ध करायी गयी। उन्होंने आयुष्मान भारत के अंतर्गत छह पात्र लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड,एक जनपद एक उत्पाद योजना में दो लाभार्थियों को अनुदान के चेक,मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तीन लाभार्थियों,शादी अनुदान के चार लाभार्थियों तथा श्रम विभाग की योजनाओं के चार लाभार्थियों को सम्बन्धित योजनाओं के तहत निर्धारित धनराशि के चेक भी वितरित किये।

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