नोवल कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुये चीन से विशेष विमान से स्वदेश लाये गये भारतीयों को 14 दिन तक दिल्ली में बनाये गये विशेष शिविरों में चिकित्सकों की निगरानी में रखा जायेगा तथा घर नहीं जाने दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज बताया कि चीन से निकाले जाने वाले नागरिकों के लिए दिल्ली में दो विशेष शिविर बनाये गये हैं जहाँ उन्हें दूसरे लोगों से अलग रखा जाएगा। एक शिविर मानेसर में बनाया गया है जिसका संचालन सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा द्वारा किया जा रहा है। वहाँ पुरुषों को रखा जायेगा। दूसरा शिविर छावला कैंप में बनाया गया है जिसका संचालन आईटीबीपी द्वारा किया जा रहा है और वहाँ महिलाओं को रखा जाएगा।
कुल 366 लोगों को निकालने के लिए एयर इंडिया का विशेष विमान आज मुंबई से रवाना होकर दिल्ली के रास्ते चीन के वुहान शहर पहुँच चुका है। विमान के आज रात दो बजे दिल्ली वापस पहुँचने की उम्मीद है। वुहान से निकाले जाने वाले नागरिकों में करीब 280 पुरुष और तकरीबन 90 महिलाएं हैं। मंत्रालय ने बताया कि वायरस के संक्रमण के बाद लक्षण सामने आने में 14 दिन का समय लगता है। इसलिए चीन से लोगों को स्वदेश लाने के बाद सीधे शिविरों में भेज दिया जायेगा जहाँ उन्हें चिकित्सकों की नियमित निगरानी में रखा जायेगा। यदि किसी व्यक्ति में नोवल कोरोना वायरस के लक्षण पाये गये तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया जायेगा।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. राजीव गर्ग को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। सफदरजंग अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर मरीजों के लिए 50 बिस्तर वाली विशेष इकाई तैयार रखी गयी है। आज दोपहर बाद 1.17 बजे एयर इंडिया की विशेष उड़ान दिल्ली से रवाना हुई। जम्बो बोइंग 747 विमान वुहान पहुँच चुका है। इस डबल डेकर विमान में 423 सीटें हैं। इसमें पांच पायलट और 15 केबिन क्रू के साथ दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के पाँच डॉक्टर और एयर इंडिया के एक पैरामेडिकल कर्मचारी को भी भेजा गया है। इंजीनियरों एवं सुरक्षा कर्मियों के एक दल को भी विमान में भेजा गया है। वुहान से निकाले गये यात्रियों को विमान में कोई सेवा प्रदान नहीं की जायेगी। उनकी सीट पर पहले से ही खाने के पैकेट और मास्क रखे होंगे। इस प्रकार चालक दल के सदस्यों का उनसे संपर्क नहीं होगा जिससे संक्रमण के फैलने का खतरा नहीं रहेगा।