हर विधानसभा क्षेत्र की पांच-पांच वीवी पैट की पर्चियां गिनी जाएगी। इन वीवीपैट की पर्चियों की गिनती EVM ईवीएम से वोटो की गिनती समाप्त होने के बाद की जाएगी। मतगणना की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को आयोजित बैठक में जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा ने यह जानकारी दी।
EVM के वोट की गिनती
मतगणना को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से हर राउंड के समाप्त होने के बाद उनमें से दो ईवीएम EVM को क्रॉस चेक किया जाएगा। यानी एक बार फिर से उस राउंड की दो ईवीएम के वोट की गिनती की जायेगी। 14 मेजों पर गिने जाएंगे विधानसभा वार ईवीएम से वोट : इस बार करीब 162 मेजें लगाई जाएंगी।
यानी हर विधानसभा क्षेत्र की मतगणना में 18 मेज लगेंगी। ईवीएम से वोटों की गिनती के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 14 मेज लगाई जाएंगी। हर मेज पर एक राउंड में एक ईवीएम से वोट गिने जाएंगे। यह 15 वीं मेज पर हर राउंड के बाद दो ईवीएम क्रॉस चेक होंगी। जिलाधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही हर विधानसभा से 2-3 मेजों की व्यवस्था बैलेट पेपर (पोस्टल बैलेट) की मतगणना के लिए भी की जाएगी।
प्रत्येक चरण में मतगणना के परिणाम को तीन बार दोबारा गिना जाएगा। मतगणना स्थल पर फ्लैक्सी बोर्ड लगवाकर राउंडवार प्राप्त मतों के विवरण को प्रदर्शित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि इसके बाद ही परिणामों की भारत निर्वाचन आयोग के सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन फीडिंग की जाएगी।
राजधानी की दोनों लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों को करीब 130 काउंटिंग एजेंट की जरूरत होगी। यानी लखनऊ लोकसभा सीट पर गिनती की निगरानी के लिए प्रत्याशियों को 70 कार्यकर्ताओं की जरूरत होगी। वहीं मोहनलालगंज सीट की चार विधानसभाओं पर गिनती के लिए 60 एजेंट चाहिए। वहीं सिधौली विधानसभा के लिए वहां एजेंट लगाने होंगे।