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IND vs ENG: चेपॉक में लौटी क्रिकेट की दीवानगी, गूंजा ‘रोहित-रोहित’

करीब एक साल से कोरोना महामारी ने खेलों से दर्शकों को दूर करके मानो उनकी संजीवनी ही छीन ली थी, लेकिन अब चेपॉक स्टेडियम पर दर्शकों के लौटते ही चिर परिचित उत्साह और क्रिकेट को लेकर दीवानगी की बानगी साफ देखने को मिली. निराशा और नकारात्मकता में बीते पिछले दौर को भुलाकर वे रोहित शर्मा के शॉट्स पर उछलते नजर आए. रोहित के शतक पर यहां जश्न का माहौल दिखा. शनिवार को चेन्नई टेस्ट के पहले दिन रोहित ने अपने करियर का 7वां और इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट शतक जड़ा.

किसी ने अपने ‘थाला’ महेंद्र सिंह धोनी की 7 नंबर की चेन्नई सुपर किंग्स की जर्सी पहन रखी थी, तो किसी ने हाथ में ‘भारत आर्मी’ का बैनर थाम रखा था. किसी ने मास्क पहन रखा था, तो किसी ने नहीं. करीब 14 से 15 हजार दर्शकों की मौजूदगी ने मैदान का माहौल ही बदल दिया था.

तमिलनाडु क्रिकेट संघ ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए 50 फीसदी दर्शकों को स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति दी है. एस श्रीराम रोहित शर्मा के प्रशंसक हैं, लेकिन आईपीएल में वह चेन्नई सुपर किंग्स की जीत की दुआ करते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ वह खास तौर पर रोहित की बल्लेबाजी देखने पहुंचे हैं.

श्रीराम ने कहा, ‘रोहित को टेस्ट खेलते देखकर बहुत अच्छा लग रहा है. उनकी बल्लेबाजी देखने का अलग ही मजा है. दर्शकों से ‘रोहित-रोहित’ सुनकर इतना अच्छा लग रहा है. दर्शकों के बिना क्रिकेट का कोई मजा ही नहीं.’

कोरोना महामारी अभी गई नहीं है, लेकिन मैदान पर क्रिकेट देखने के इस मौके ने दर्शकों को सकारात्मकता और ऊर्जा से भर दिया. चेन्नई के दर्शक अपने खेलप्रेम के लिए वैसे भी मशहूर हैं. जब 1999 में पाकिस्तान ने रोमांचक मैच में भारत को हराया था, तब दर्शकों ने खड़े होकर उसका अभिवादन किया था. इसी मैच में चोटिल सचिन तेंदुलकर आंख में आंसू लिये ड्रेसिंग रूम लौटे थे.

यहां 1988 में नरेंद्र हिरवानी को 16 विकेट लेते देखने के बाद से सारे टेस्ट देख चुके आर वेंकटरमन ने कहा, ‘मैं 1987 से चेपॉक पर सारे टेस्ट देख रहा हूं. अब हालात अलग हैं और महामारी ने जिंदगी बदल दी है .’

उन्होंने कहा, ‘यह देखकर अच्छा लग रहा है कि खेल फिर शुरू हो गए और दर्शकों को प्रवेश दिया जा रहा है. लेकिन सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है.’

सुबह 8 बजे से ही यहां प्रवेश द्वारों पर दर्शक जुटने शुरू हो गए थे. पिछले एक दशक में पहली बार ‘आई ’, ‘जे ’ और ‘के ’ स्टैंड दर्शकों के लिए खोले गए. मैच देखने आये सैयद मुस्तफा ने कहा, ‘यह अविश्वसनीय अनुभव है. भारत जीतता है तो यह सोने पे सुहागा होगा. प्रोटोकॉल का पालन करना कठिन है, लेकिन लोगों को खुद समझना होगा कि एक गलती कितनी भारी पड़ सकती है.’

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