तिहाड़ जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन इन दिनों एक बार फिर से चर्चा में है। खबरों के अनुसार डी कंपनी यानी कि दाऊद इब्राहिम के इशारे पर दिल्ली का कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना छोटा राजन की जेल की भीतर हत्या करने की कोशिश में था। बता दें कि भले ही इन दिनों दाऊद और छोटा राजन की बीच गहरी दुश्मनी है, लेकिन कभी इनके बीच गहरी दोस्ती होने के साथ ही एक खास रिश्ता हुआ करता था। इन दोनों के रिश्ते के बारे में खास जानकारी….
पहले भी दाऊद कर चुका प्रयास
तिहाड़ प्रशासन को दो सप्ताह पहले मिली खुफिया जानकारी मिली थी कि दाऊद इब्राहिम के इशारे पर दिल्ली का कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को तिहाड़ जेल की भीतर मारना चाहता था। इसके लिए उसने पूरा प्लान भी कर लिया था। हालांकि नीरज की योजना उस समय फेल हो गई जब उसके एक साथी ने नशे में यह बात अपने अन्य साथी को बता दी थी। धीरे-धीरे यह बात सुरक्षा में लगे अधिकारियों और एजेंसियों तक पहुंच गई। इसके बाद से छोटा राजन की सुरक्षा और ज्यादा बढ़ा दी गई है। यह कोई पहली बार नहीं है। इसके पहले भी दाऊद इब्राहिम के छोटा राजन को मरवाने के प्रयास चर्चा में रह चुके हैं।
दोनों के बीच था ये खास रिश्ता
आज छोटा राजन और दाऊद इब्राहिम भले ही एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब इनके बीच गहरी दोस्ती थी। इनकी दोस्ती चर्चा में रहती थी। खास बात तो यह है कि ये दोस्त होने के साथ ही बेहद खास रिश्ते में थे। कहते हैं कि छोटा राजन की पत्नी सुजाता दाऊद को राखी बांधती थी। दाऊद उसे मुंहबोली बहन मानता था। इस रिश्ते से छोटा राजन दाऊद इब्राहिम का जीजा था। ये दोनों एक दूसरे के साथ काफी करीब रहे। एक दूसरे की कमजोरी और मजबूती से अच्छे से वाकिफ रहे हैं। दाऊद जहां मैन पॉवर के सहारे काम करता रहा वहीं राजन एक शार्प शूटर होने के साथ ही खुद पर ही भरोसा करने वाला रहा है।
ऐसे बना था राजेंद्र से छोटा राजन
छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है। दादागिरी के शौकीन छोटा राजन ने 12वीं तक की पढाई के बाद मुंबई शहर में तेजी से बढ़ रहे अंडरवर्ल्ड सरगनाओं की दुनिया में रुचि लेने लगा। देखते ही देखते हाजी मस्तान, करीम लाला, वरदा भाई के अलावा मिल मजदूर नेता रहे राजन नायर से उसके अच्छे संबंध हो गए थे। राजन नायर को लोग बड़ा राजन के नाम से बुलाते थे। इस दौरान राजेंद्र की दादा गीरी के चर्चे बड़ा राजन तक पहुंचने लगे। इन दोनों के बीच अच्छे संबंध बन गए और बड़ा राजन ने उसे छोटा राजन नाम के साथ ही अपनी कुछ जिम्मेदारियां दे दी। इसी दौरान छोटा राजन की मुलाकात दाऊद से हुई थी।