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ऐक्शन मोड में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह: भेजी ऑक्सीजन की बड़ी खेप, डीआरडीओ बनायेगा अस्थाई कोविड अस्पताल

लखनऊ में डीआरडीओ की मदद से 250 बेड का एक बड़ा अस्पताल तैयार किया जा रहा है। बता दें कि लखनऊ के अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड नहीं मिल रहे हैं और ऑक्सीजन के सिलेंडर की जमकर कालाबाजारी हो रही है।

लखनऊ के अस्पतालों में ऑक्सीजन के सिलेंडर को लेकर मची मारामारी के बीच राहत की खबर है। रक्षामंत्री व लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने सोमवार (19 अप्रैल) को लखनऊ के लिए ऑक्सीजन की बड़ी खेप भेजी है। इसके अलावा लखनऊ में डीआरडीओ की मदद से 250 बेड का एक बड़ा अस्पताल तैयार किया जा रहा है।

बता दें कि लखनऊ के अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड नहीं मिल पा रहे हैं इसके अलावा ऑक्सीजन के सिलेंडर की कालाबाजारी होने की भी खबर है। बताया जा रहा है कि राजधानी के औद्योगिक क्षेत्र स्थित ऑक्सीजन बाटलिंग यूनिट में लिक्विड ऑक्सीजन का बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। यही वजह है कि कॉमर्शियल उपयोग पर प्रतिबंध लगने के बाद भी कोरोना मरीजों को जीवन देने वाला ऑक्सीजन गैस का सिलेंडर नहीं भर पा रहा है।

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन लखनऊ डिवीजन के चेयरमैन सूर्य प्रकाश हवेलिया के अनुसार राजधानी के छह बॉटलिंग यूनिट को छत्तीसगढ़, राउरकेला, मोदीनगर, काशीपुर आदि से लिक्विड ऑक्सीजन टैंकर के जरिए सप्लाई होता है। मगर, कुछ दिनों से इसकी सप्लाई में कमी हो गई है। इसके चलते उद्यमी गैस सिलेंडर नहीं भर पा रहे हैं।

आक्सीजन संकट की एक वजह ये भी

जानकारी के अनुसार लोग जरूरत न होने पर भी सिलेंडर खरीदकर घर में रख रहे हैं। इस सम्बंध में तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र के एक उद्यमी का कहना है कि ऑक्सीजन गैस सिलेंडर के संकट की एक वजह ये भी है कि जिनको जरूरत नहीं हैं वह भी खरीद कर घर में रख रहे हैं। इससे जरूरतमंदों को ऑक्सीजन गैस सिलेंडर नहीं मिल पा रहे हैं। दरअसल जो आम आदमी गैस सिलेंडर खरीद कर घर ले गया उसने गैस का इस्तेमाल नहीं किया, जिससे सिलेंडर भी फंस गया। इससे भी अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन गैस नहीं मिल पा रही है।

डीआरडीओ बनायेगा अस्थाई कोविड हाॅस्पिटल

लखनऊ में कोरोना के कारण हालात काफी बिगड़ने के बाद लखनऊ के सांसद व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजधानी में चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने की पहल की है।इस कोशिश के चलते रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की टीम शनिवार को चिनहट अयोध्या मार्ग स्थित गोल्डन ब्लाॅसम रिजाॅर्ट व कानपुर रोड स्थित हज हाउस का दौरा किया। यहां 600 बिस्तरों वाले दो अस्थाई कोविड अस्पताल का निर्माण किया जाना है।

डीआरडीओ टीम के क्वार्डिनेटर मनीष भरद्वाज यहां शनिवार सुबह गोल्डन ब्लॉसम रिजॉर्ट पहुंचे। उनके साथ स्थानीय जिला प्रशासन की टीम भी मौजूद थी। टीम ने पूरे रिजाॅर्ट का दौरा किया। किस स्थान पर अस्पताल बनेगा। डाॅक्टर की टीम कहां रहेगी। मेडिकल स्टाॅफ कैसे काम करेगा। मरीजों की चिकित्सकीय सुविधाएं सहित अन्य कई पहलुओं पर बारीकी से मंथन किया गया। जर्मन हैंगर तकनीकी से अस्थाई अस्पताल का निर्माण कराया जायेगा।

डीआरडीओ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसके लिये साजो-सामान दिल्ली और बेंगलुरु से यहां जल्द पहुंचने वाला है। सामान आते ही यहां काम शुरु हो जायेगा और हफ्तेभर में अस्थाई अस्पताल बनकर तैयार हो जायेगा। अस्पताल को सेना की मेडिकल कोर टीम सम्भालेगी। चिकित्सकीय सेवाओं के लिए डीआरडीओ टीम द्वारा मध्य कमान मुख्यालय के आर्मी कोर से संपर्क किया जा रहा है।

9 बेड पर एक शौचालय : चिनहट अयोध्या मार्ग स्थित गोल्डन ब्लाॅसम रिजार्ट में बनने जा रहे अस्थाई कोविड अस्पताल में बेड की संख्या डीआरडीओ टीम के मानक अनुसार होगा। जगह चिन्हित करने के बाद यहां कोरोना संक्रमित मरीजों के लिये 250 बेड तैयार किया जायेगा। 9 कोविड मरीजों पर एक शौचालय का निर्माण होगा।

डाॅक्टर, मेडिकल स्टाॅफ के लिये अलग व्यवस्था रहेगी। ड्यूटी खत्म होने के बाद डाॅक्टर और मेडिकल स्टाॅफ को इसी रिजाॅर्ट में क्वारंटाइन करने की भी व्यवस्था होगी। डीआरडीओ मानक के अनुसार मरीज को हर डेढ़ घंटे में कुछ डाइट दिया जायेगा। यह अस्थायी अस्पताल अगले कुछ दिन में काम करना शुरू कर देंगे।

दया शंकर चौधरी

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