लखनऊ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 पर (National Education Policy-2020) आधारित एक संवादात्मक सत्र ‘डिज़ाइन योर डिग्री’ (Design Your Degree) का आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संकाय में किया गया। इस विचारोत्तेजक कार्यक्रम की संकल्पना लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय (VC Pro Alok Kumar Rai) द्वारा की गई थी। इस अवसर पर उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर उमेश राय (Pro Umesh Rai) आमंत्रित किया, जो नवाचार के पुरोधा और सामाजिक प्रभाव वाले आविष्कारों के समर्थक हैं।
प्रोफेसर उमेश राय प्रख्यात प्राणी विज्ञानी हैं, एवं नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंडिया के फेलो भी हैं। उन्हें अकादमिक क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक का अनुभव और नेतृत्व का व्यापक परिचय प्राप्त है दिल्ली विश्वविद्यालय में उन्होंने निदेशक (साउथ कैंपस) एवं प्राणीविज्ञान विभागाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रोफेसर संगीता साहू के स्वागत भाषण से हुआ। इस कार्यक्रम का समन्वय प्राणीविज्ञान विभाग की प्रोफेसर शैली मलिक द्वारा किया गया। सत्र में विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय के विभिन्न संस्थानों और केंद्रों के निदेशक एवं समन्वयक, विभिन्न विभागों एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकगण, शोधार्थी एवं स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
संवादात्मक सत्र के दौरान प्रोफेसर उमेश राय ने ‘डिज़ाइन योर डिग्री’ कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि यह एक चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम है और शिक्षा में स्वतंत्रता एवं लचीलापन प्रदन करता है। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को उनके रुचि एवं प्रतिभा के अनुरूप अपनी शैक्षणिक यात्रा को स्वयं निर्धारित करने की स्वतंत्रता देता है।
प्रोफेसर उमेश राय ने यूजीसी द्वारा प्रस्तुत टेम्प्लेट के माध्यम से मेजर, माइनर एवं इंटरडिसिप्लिनरी विषयों के समावेश की जानकारी देते हुए बहुआयामी एवं समग्र शिक्षा, सृजनात्मकता, आलोचनात्मक चिंतन, संप्रेषण कौशल, अकादमिक लचीलापन, अनुभव आधारित शिक्षण, शोध आधारित इंटर्नशिप एवं विद्यार्थी केंद्रित शिक्षाशास्त्र पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने वास्तविक जीवन की परियोजनाओं एवं उद्यमिता को डिज़ाइन योर डिग्री कार्यक्रम की विशेषताएँ बताते हुए विद्यार्थियों को जम्मू विश्वविद्यालय में इंटर्नशिप हेतु आमंत्रित किया, जिससे वे अपने ज्ञान क्षितिज का विस्तार कर सकें।
सत्र को श्रोताओं से अत्यंत उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। प्रस्तुति की अपेक्षा संवाद सत्र अधिक लंबा चला, जो इस कार्यक्रम की सफलता को दर्शाता है। प्रोफेसर उमेश राय ने श्रोताओं को ‘सीमाओं का लोप, शिक्षा का विकास’ की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का समापन प्रोफेसर शैली मलिक के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।