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क्या पाकिस्तान ने खो दिया अपना करीबी साथी? दुनिया के सबसे बड़े देश ने किया दावा—भारत और चीन के साथ मजबूत रिश्तों की ओर

‘लवर’ राज कुशवाहा सोनम सूर्यवंशी को बहन कहकर बुलाता था, अब सामने आया है चौंकाने वाला दावा – आखिर किसने किया ये खुलासा?

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सोमवार को भारत और चीन के रिश्ते पर बड़ी बात कही है. उनको लगता है कि दोनों देशों के बीच तनाव काफी कम हो गया है इसलिए RIC यानी रूस-इंडिया-चाइना के बीच त्रिकोणीय सहयोग बनाने का अच्छा मौका है. सर्गेई लावरोव ने कहा कि आरआईसी त्रिकोणीय सहयोग का रुका हुआ काम फिर से शुरू हो सकता है.

साल 2020 के गलवन घाटी हमले के बाद भारत और चीन के रिश्तों में काफी तनाव आ गया था, जो इस साल की शुरुआत में कम होने लगा था, लेकिन भारत और पाकिस्तान की लड़ाई में चीन ने जो रुख अपनाया है, उसकी वजह से एक बार फिर दूरियां बढ़ गई हैं. पिछले महीने पाकिस्तान और भारत के बीच चली 3-4 दिन की लड़ाई के दौरान भले ही चीन ने सामने आकर पाकिस्तान का सहयोग न किया हो, लेकिन 10 मई को जैसे ही दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ तो चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के सपोर्ट में बयान दिया.

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और राष्ट्रीय स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए हमेशा पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा. इसके अलावा, चीन पाकिस्तान को हथियारों का सबसे बड़ा सप्लायर है, जिनका इस्तेमाल लड़ाई के दौरान भारत के खिलाफ किया गया. हालांकि, भारत की ताकत के सामने ये हथियार कुछ कर नहीं सके. अब रूसी विदेश मंत्री को लगता है कि भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा है.

मॉस्को में ‘भविष्य-2050 के फोरम’ को संबोधित करते हुए सर्गेई लावरोव ने कहा कि आरआईसी प्रारूप में संयुक्त कार्य की बहाली बहुध्रुवीय वास्तुशिल्प के निर्माण समेत यूरेशियाई प्रक्रियाओं की दिशा में पहला कदम हो सकता है.

रूसी समाचार एजेंसी तास के अनुसार लावरोव ने कहा, ‘मुझे वाकई उम्मीद है कि हम रूस-भारत-चीन त्रिकोण के काम को फिर से शुरू कर पाएंगे. पिछले कुछ सालों से हमारी विदेश मंत्रियों के स्तर पर बैठक नहीं हुई है लेकिन हम अपने चीनी सहयोगी और विदेश विभाग के भारतीय प्रमुख के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मैं वास्तव में आशा करता हूं कि अब जब तनाव कम हो गया है, मेरी राय में, भारत और चीन के बीच सीमा पर काफी हद तक कम हो गया है और स्थिति स्थिर हो रही है तो ऐसे में नई दिल्ली और बीजिंग के बीच बातचीत हो रही है, तो हम इस रूस-भारत-चीन त्रिकोण के काम को फिर से शुरू करने में सक्षम होंगे.’

पिछले सप्ताह, एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने मॉस्को में लावरोव से मुलाकात की थी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक पत्र सौंपा. रूसी विदेश मंत्रालय के हवाले से समाचार एजेंसी ने बताया कि लावरोव ने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बनाने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच सीधी बातचीत की आवश्यकता है.

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