नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों को सीधे उनके बैंक खातों में वित्तीय मदद पहुँचाने, संक्रमण रोकने और सुचारू टीकाकरण के लिए डिजिटल समाधानों की तारीफ करते हुये आज कहा कि डिजिटल इंडिया से समय, श्रम और धन की बचत हो रही है। डिजिटल इंडिया के छह साल पूरे होने के अवसर पर इसके लाभार्थियों से संवाद के दौरान मोदी ने कहा “कोरोना काल में डिजिटल इंडिया अभियान देश के कितना काम आया है, यह हम सभी ने देखा है। जिस समय बड़े-बड़े समृद्ध देश लॉकडाउन के कारण अपने नागरिकों को सहायता राशि नहीं भेज पा रहे थे, भारत हजारों करोड़ रुपये, सीधे लोगों के बैंक खातों में भेज रहा था। कोरोना काल में जो डिजिटल समधान भारत ने तैयार किए हैं उनकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि कॉनटैक्ट ट्रेसिंग के लिए दुनिया के सबसे बड़े ऐप में से एक आरोग्य सेतु से संक्रमण को रोकने में बहुत मदद मिली है। टीकाकरण के लिए भारत के कोविन ऐप में भी अनेक देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। वैक्सीनेशन की प्रक्रिया के लिए ऐसा निगरानी माध्यम होना हमारी तकनीकी कुशलता का प्रमाण है।
उन्होंने कहा “डिजिटल इंडिया यानि समय, श्रम और धन की बचत। डिजिटल इंडिया यानि तेज़ी से लाभ, पूरा लाभ। डिजिटल इंडिया यानि मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिम गवर्नेंस।” मोदी ने कहा कि देश में आज एक तरफ इनोवेशन का जुनून है तो दूसरी तरफ उन को तेजी से अपनाने का जज़्बा भी है। इसलिए, डिजिटल इंडिया भारत का संकल्प, आत्मनिर्भर भारत की साधना और 21वीं सदी में सशक्त होते भारत का जयघोष है। ड्राइविंग लाइसेंस हो, जन्म प्रमाणपत्र हो, बिजली का बिल भरना हो, पानी का बिल भरना हो, आयकर रिटर्न भरना हो-इस तरह के अनेक कामों के लिए अब प्रक्रियाएं डिजिटल इंडिया की मदद से बहुत आसान, बहुत तेज हुई हैं। गाँवों में भी लोग घर के पास सीएससी केंद्रों से ये काम करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया से सबको अवसर और समान सुविधा मिली है। इससे सबकी भागीदारी सुनिश्चित हुई है और सरकारी तंत्र तक सबकी पहुँच बनी है। इससे पारदर्शी, भेदभाव रहित व्यवस्था बनी है और भ्रष्टाचार पर चोट हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के जीवन में भी डिजिटल लेनदेन से अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 10 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों को एक लाख 35 हजार करोड़ रुपये सीधे बैंक अकाउंट में जमा किये गये हैं। डिजिटल इंडिया ने ‘एक राष्ट्र, एक एमएसपी’ की भावना को भी साकार किया है। उन्होंने कहा कि यह दशक, डिजिटल प्रौद्योगिकी में भारत की क्षमताओं और वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी को बहुत ज्यादा बढ़ाने वाला है।