Breaking News

अनेक मोर्चो पर आपदा प्रबंधन

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

दैवीय आपदा या महामारी एक साथ अनेक परेशानी लाती है। इसका व्यापक नुकसान होता है। जीवन हानि सर्वाधिक वेदनापूर्ण होती है। यह संबंधित परिवार के लिए अपूरणीय क्षति होती है। इसके अलावा अनेक मोर्चों पर सरकार को राहत का प्रबंधन करना होता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस संबन्ध में लगातार प्रयास कर रहे है।

कोरोना आपदा में बहुत लोगों को जीवन गंवाना पड़ है। अनेक बच्चे अनाथ हो गए है। दिहाड़ी पर जीवन यापन करने वालों के समक्ष भरण पोषण की समस्या आई है। इनकी पहचान आसानी से हो जाती है। लेकिन बहुत से ऐसे लोग भी होते है जो छोटे पक्के मकानों में रहते है। लेकिन कोरोना जैसी आपदा में उनकी नौकरी चली जाती है,या वेतन मिलना बंद हो जाता है। इसमें छोटे दुकानदार आदि भी शामिल है। इन सबकी व्यथा समझने के लिए समाज व सरकार दोनों का सजग रहना आवश्यक है। सरकार से तात्कालिक रूप में  सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं लागू करने की अपेक्षा रहती है।

समाज के आर्थिक रूप से समर्थ लोगों व सामाजिक धार्मिक संस्थाओं की भी जिम्मेदारी होती है। समाज में संकट के समय सिर्फ कालाबाजारी करने वाले निकृष्ट लोग ही नहीं होते। बल्कि भारत में सामाजिक सरोकार रखने वालों की संख्या अधिक होती है। बड़ी संख्या में संस्थाएं व व्यक्तिगत स्तर पर लोग जरूरतमन्दों की सहायता करते है। कोरोना की पहली लहर में भी यह प्रमाणित हुआ। सरकार ने अस्सी करोड़ लोगों को राशन देने की व्यवस्था की थी। यह क्रम छह माह तक चला था।

इस बार भी सरकार गरीबों को राशन दे रही है। इसके अलावा सामाजिक संस्थाएं भी सेवा कार्यों में लगी है। केंद्र सरकार ने डीएपी पर मिलने वाली सब्सिडी को प्रति बोरी पांच सौ रुपये से बढ़ाकर बारह रुपये कर दिया है। अर्थात सब्सिडी को बढाकर एक सौ चालीस प्रतिशत कर दिया है। इससे किसानों को चौबीस सौ रुपये प्रति बोरी की जगह बारह सौ रुपये में मिलेगी। जाहिर है कि कोरोना आपदा ने समाज के समक्ष बड़ी कठिनई पैदा की है। ऐसे में जरूरतमन्दों को राहत  के प्रयास अपरिहार्य हो जाते है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना आपदा प्रबंधन प्रयासों के बीच ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय भी ले रहे है। यह तय किया गया कि कोरोना में जिन बच्चों के माता पिता नहीं रहे,उनका पालन पोषण सरकार के द्वारा किया जाएगा,गरीबों को तीन महीने तक राशन प्रदान किया जाएगा।

योगी आदित्यनाथ ने फर्रुखाबाद और कानपुर देहात में खराब वेंटिलेटर नहीं बदलने पर नाराजगी जताई। साथ ही गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो.आरबी कमल पर नाराज हुए। कहा कि मेडिकल कालेज ने अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं किया। इसे तो संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान और किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की तरह लीडर की भूमिका निभानी चाहिए थी। यहां सत्रह सौ सौ बेड होने के बावजूद सिर्फ साढ़े तीन सौ बेड कोविड के लिए रखी गई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मई के अंत तक दूसरी लहर के खत्म होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार मजबूती के साथ कोरोना से लड़ाई लड़ रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से तीन सौ आक्सीजन प्लांट लगाकर प्रदेश के प्रत्येक जिले को आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बना रहे हैं। सभी मेडिकल कॉलेज में सौ पीडियाट्रिक आइसीयू बेड और जिला अस्पतालों में पच्चीस आइसीयू बेड स्थापित किए जाएंगे।

About Samar Saleel

Check Also

शाहजहांपुर के मिर्जापुर में उमड़ी किसानों की भीड़, पुलिस ने कराया वितरण

शाहजहांपुर के मिर्जापुर स्थित साधन सहकारी समिति में गुरुवार को सुबह से ही खाद का ...