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कुशलता पूर्वक प्रभावी ढंग से जीवन जीने के लिए अनुशासन अति आवश्यक- प्रो अभय कुमार सिंह

अयोध्या। कामता प्रसाद सुंदर लाल साकेत महाविद्यालय, अयोध्या बी ए स्नातक प्रथम सेमेस्टर में नव प्रवेशित छात्राओं के दीक्षारंभ कार्यक्रम के पांचवे दिवस का शुभारंभ छात्राओं के पंजीकरण एवं स्वास्थ्य परीक्षण से शुरू हुआ। बुधवार को बीए प्रथम सेमेस्टर के छात्राओं का कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसके प्रभारी प्रो सरला शुक्ला रही।

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प्रो प्रणय कुमार त्रिपाठी सहयोगियों का परिचय कराया और दीक्षारम्भ के विषय मे तथा मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निवारण हेतु सहयोग की बात कही। प्रो बंदना जायसवाल ने कहा कि आज ही के दिन विवेकानंद ने शिकागो में अपना प्रसिद्ध भाषण दिया था, उनसे प्रेरणा लेते हुए महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर देश और समाज का नाम रोशन करें।

कुशलता पूर्वक प्रभावी ढंग से जीवन जीने के लिए अनुशासन अति आवश्यक- प्रो अभय कुमार सिंह

आइक्यूएसी प्रभारी प्रो आशुतोष सिंह ने छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और सेमेस्टर प्रणाली में सीजीपीए, एसजीपीए संबंधी जानकारी दी। और साथ ही कहा कि आप सभी अपने निर्धारित पाठ्यक्रम की कक्षाओं में अध्ययन करे, और विश्वविद्यालय के द्वारा निर्धारित समय-समय पर परीक्षाओं में अवश्य उपस्थित हो।

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प्रो अमूल्य कुमार सिंह ने कहा कि व्यक्तित्व विकास के लिए महाविद्यालय के सभी संसाधनों का प्रयोग करेंऔर कहा कि प्रत्येक छात्राओं को महाविद्यालय की वेबसाइट और मुख्य गेट के बाए तरफ (महाविद्यालय में प्रवेश करते हुए) लगे सूचना पट को सदैव आपको देखते रहना चाहिए जिससे आपको अद्यतन जानकारी प्राप्त हो सके और आप भविष्य में होने वाली समस्याओं से बच सके। महाविद्यालय मे छात्र-छात्राओं के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना की कुल 6 इकाइयां, रोवर्स रेंजर, एन सी सी आर्मी व नेवल विंग सहित महाविद्यालय में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के संदर्भ में जानकारी दी।

कुशलता पूर्वक प्रभावी ढंग से जीवन जीने के लिए अनुशासन अति आवश्यक- प्रो अभय कुमार सिंह

महाविद्यालय के मुख्य नियंता प्रो अशोक कुमार मिश्रा ने अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए परिसर में मोबाइल फोन के अनावश्यक प्रयोग और गलत उपयोग करने से बचने की सलाह दी और कहा कि सभी महाविद्यालय परिवेश में ही महाविद्यालय में प्रवेश करें।

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कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो अभय कुमार सिंह ने कहा कि अनुशासन लोगों को अपने जीवन को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से जीने के लिए नियम प्रदान करता है। जब हमारा जीवन अनुशासित होगा तो भविष्य में बेहतर जीवन के लिए छोटे-छोटे त्याग कर सकते हैं। अनुशासन से आदतें बनती है, आदतों से दिनचर्या बनती है और दिनचर्या वह बन जाती है जो हम प्रतिदिन करते हैं। ज्ञान के सागर में गोते लगाने से ही ज्ञान रूपी रत्न भंडार मिलता है।

कुशलता पूर्वक प्रभावी ढंग से जीवन जीने के लिए अनुशासन अति आवश्यक- प्रो अभय कुमार सिंह

डॉ विजय कुमार सिंह राठौर ने कार्यक्रम का संचालन किया। दीक्षारंभ कार्यक्रम में डॉ असीम त्रिपाठी डॉ सुमधुर शास्त्री, डॉ सद्गुरु पुष्पम, डॉ संदीप वर्मा, डॉ रमेश प्रताप सिंह, डॉ पूनम जोशी, डॉ अनुपमा सिंह, डॉ सुरभि पाल, डॉ निधि मिश्रा, डॉ रीता सिंह, डॉ रीता दुबे, डॉ सरोज शुक्ल, डॉओम श्रीवास्तव सहित विभिन्न प्राध्यापक प्राध्यापिकाएं उपस्थिति रहे। उपरोक्त जानकारी महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी प्रो आशुतोष त्रिपाठी ने दी।

रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह

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