रायबरेली। जिले में पंचायत चुनाव सम्पन्न हो गए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव भी सम्पन्न हो गए गए हैं। आज ब्लाक प्रमुख के लिये वोट पड़नी है और मतगणना भी होनी है। अभी तक के चुनाव में एक बात साफ निकल के आयी की डीएम रायबरेली जिले में कहीं भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नही करवा पाए। दूसरा जिस बात का वह दावा कर रहे थे की नामाँकन केन्द्र के भीतर कोई नही जा सकता वह भी खोखला साबित हुआ अन्यथा जैसा की दीनशाह गौरा ब्लाक के अंदर सपा समर्थित प्रत्याशी सुमन यादव का आरोप है की उनका नामांकन पत्र छीन लिया गया।
प्रशासन सक्रिय होता तो यह घटना हरगिज न होती। चाहे पंचायत चुनाव हो या उनकी मतगणना दोनो में डीएम वैभव श्रीवास्तव फेल दिखे। यहां पर उनकी प्रशासनिक क्षमता भी सबकी समझ में आ गई। यह उनकी प्रशासनिक क्षमता की कमी को दर्शाता है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव चाहे प्रधान, बीडीसी का हो या जिला पंचायत अध्यक्ष का या फिर ब्लाक प्रमुख के नामांकन का स्थित कमोबेश ऐसी ही रही कहीं भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नही हुआ। हर केन्द्र से जो तस्वीरे आयी वो भयावह थी यह तो ईश्वर की ही कृपा ही कहेंगे उस तरह से लोग कोरोना की चपेट में नही आये जिस तरह से लापरवाही हुयी थी। जितने लोगों ने भी अपनो को खोया आखिर उसका जिम्मेदार कौन है।
अपने अधीनस्थो पर रौब गाठने में माहिर है जिलाधिकारी
जिले में सीएमओ व डीएम के विवाद को सभी जानते है जिन्हे भरी बैठक में गधा बोल के उनका अपमान किया था। उनकी उंची पहुंच ने बेचारे सीएमओ का स्थानांतरण हो गया था। खैर सीएमओ ने भी उसी अंदाज में उन्हे सबक सिखाया बाद में उन्हे इसका अहसास भी हुआ।
सीएम का निर्देश नही मानते डीएम
यहां के जिलाधिकारी खुद भी लोगों का कितना दर्द सुनते होंगे इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की वह कभी भी अपना सीयूजी फोन नही उठाते । हमेशा उनका अर्दली ही उनका फोन उठायेगा वहीं से ही बात खत्म हो जायेगी । जबकी सीएम का निर्देश है की सभी अधिकारी सीयूजी पर उपलब्ध रहें । लेकिन शायद यहां के डीएम वैभव श्रीवास्तव पर यह नियम लागू नही होता। इस बात को परखने के लिये इस संवाददाता ने 2 दिन लगातार डीएम को 3 बार फोन मिलाया उधर से बात कराने का आश्वासन मिला लेकिन बात नही हुयी। उसके बाद तो 3 बार फोन ही नही उठा। आखिर यह किस तरह जिला चलायेंगे यह बात समझ से परे है।
क्या इसी लिये बात करने से कतरा रहे हैं डीएम
डीएम वैभव श्रीवास्तव को 2 दिन लगातार फोन मिलाया गया हर बार अर्दली ने यह जरुर पूंछ लिया किस सम्बंध में बात करनी है जब बोला गया दीनशाह गौरा के नामांकन के विषय में उधर से बोला गया अभी फोन करते हैं उसके बाद वापस फोन नही आया। यही बात 3 बार हुयी।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा