सुप्रीम कोर्ट में भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई 20 अगस्त तक के लिए टल गई है. कोर्ट को ये फैसला इसलिए लेना पड़ा क्योंकि उनकी फाइल से एक दस्तावेज गायब है. ये मामला अवमानना का है. माल्या को 2017 में सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराया गया था.
गौतलब है कि विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाकर अपनी संपत्ति अपने परिवार के नाम ट्रांसफर कर दी थी. यह 14 जुलाई 2017 के फैसले के खिलाफ माल्या द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्हें बार-बार निर्देश के बावजूद बैंकों को 9,000 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने के लिए अवमानना का दोषी पाया गया था, हालांकि उन्होंने अपने बच्चों को 4 करोड़ डॉलर ट्रांसफर किया था.
जस्टिस यू.यू. ललित और अशोक भूषण की पीठ ने एक हस्तक्षेप आवेदन पर जवाब की तलाश में थी, जो ऐसा मालूम पड़ा कि मामले के कागजात से गायब हो गया है. मामले में शामिल पक्षों ने नई प्रतियां दाखिल करने के लिए और समय मांगा.
19 जून को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 3 वर्षों से सूचीबद्ध बैंकों को 9,000 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाने के मामले में मई 2017 की सजा के खिलाफ माल्या की अपील के बारे में अपनी रजिस्ट्री से स्पष्टीकरण मांगा था.
मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपने बच्चों को 4 करोड़ डॉलर ट्रांसफर करने के लिए अदालत की अवमानना करने का दोषी ठहराया और उसे सजा पर बहस करने के लिए 10 जुलाई को उपस्थित होने का आदेश दिया था.