मुरादाबाद। मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज, यूपी के डॉ तुंगवीर सिंह आर्य ने बतौर मुख्य अतिथि कहा, एड्स जन्म के बाद होने वाली वह स्थिति है, जिसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। हल्का या मध्यम बुखार रहना, वजन घटना, बार-बार खांसी, निमोनिया, दस्त आदि एडस के लक्षण हैं।
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एडस के इलाज के लिए वर्तमान में बहुत-सी दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन दुखद पहलू यह है, एडस का कोई पक्का इलाज नहीं है। इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है। केवल रोगी की हालत में सुधार किया जा सकता है और उसकी आयु को कुछ वर्ष बढ़ाया जा सकता है। एडस के प्रमुख कारण असुरक्षित यौन व्यवहार, एक से अधिक यौन संबंध, एक सुई का प्रयोग एक से अधिक व्यक्ति पर करना, रक्त चढ़ाने में लापरवाही आदि हैं।
डॉ आर्य तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी मुरादाबाद के डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथैरेपी की ओर से आयोजित गेस्ट लेक्चर में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पूर्व डीन स्टुडेंट वेलफेयर प्रो एमपी सिंह, फिजियोथैरेपी की एचओडी डॉ शिवानी एम कौल आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। गेस्ट लेक्चर में सवाल-जवाब का दौर भी चला।
कार्यक्रम में डॉ शिप्रा गंगवार, डॉ नन्द किशोर साह, डॉ समर्पिता सेनापति, डॉ सोनम निधि, डॉ कामिनी शर्मा, डॉ रंजीत तिवारी, डॉ प्रिया शर्मा, डॉ हिमानी, डॉ मुस्कान जैन के संग-संग बीपीटी और एमपीटी के 250 से अधिक छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। संचालन फैकल्टी डॉ हरीश शर्मा ने किया।