Breaking News

दुनिया में बज रहा है भारत की मेधा शक्ति का डंका : डॉ. दिनेश शर्मा

लखनऊ/मेरठ। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने आज चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में भारत की मेधा शक्ति का डंका बज रहा है। दुनिया के विकसित देशों में अहम पदो पर तथा चिकित्सा, शिक्षा व इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत के मूल निवासी ही सबसे आगे हैं। भारत की मेधा शक्ति दूसरे देशों में जाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही है। इस मेधा शक्ति के पलायन को रोकने के लिए सरकार  गंभीरता से कार्य कर रही है। सरकार ने आव्हान किया है कि बाहर के अच्छे विश्वविद्यालय यहां पर आकर अपने ऑफ कैम्पस खोले। इससे देश में ही बच्चों को बेहतर शिक्षा के विकल्प उपलब्ध होंगे।

माननीय राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल की अध्यक्षता में चौ चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के 33वें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा कि सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जो उपाय किए है वे अब रंग लाने लगे हैं। विदेशी विद्यार्थी अब यूपी के विश्वविद्यालयों में अध्ययन के लिए आने लगे हैं। सरकार की मंशा यूपी को उच्च शिक्षा का हब बनाने की है तथा इस दिशा में लगातार कार्य हो रहा है। डॉ. शर्मा ने कहा कि कुलाधिपति महोदया ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए एक  शिक्षक की भूमिका का निर्वहन किया है।

उन्होंने कहा कि दीक्षान्त समारोह का विद्यार्थी बडी उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं। मेडल पाने की अभिलाषा हर विद्यार्थी के मन में होती है। आज यहां पर जो 48 स्वर्ण पदक दिए गए हैं उनमें से मात्र तीन छात्रों को मिल हैं बाकी सभी छात्राओं को मिले हैं। यह गर्व का विषय है कि छात्राए आज हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। बेटी पढे और बेटी बढे की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी और राज्यपाल के सदप्रयत्नों से आज यह अवसर आया है कि बेटियों ने परचम लहराया है। उन्होंने कहा कि दीक्षान्त समारोह का अर्थ शिक्षा का अन्त नहीं होता है, बल्कि नए जीवन का प्रारब्ध होता है। विद्यार्थी को हमेशा ही ज्ञान प्राप्त करने की भूमिका में रहना चाहिए। इसके साथ ही श्रेष्ठ शिक्षक भी हमेशा विद्यार्थी की तरह पढने की भूमिका में रहता है। आज प्रदेश में बेहतरीन शैक्षिक वातावरण बना है। पिछले साढे चार साल में  12 विश्वविद्यालयों की स्थापना की औपचारिकताएं पूर्ण हुई है। इसके साथ ही करीब 78 महाविद्यालय और 250 माध्यमिक विद्यालय भी आरंभ हुए हैं।

डॉ. शर्मा ने कहा कि 22 एकड में स्थापित इस विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका है। अभी तक इस विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग नहीं था अब यहां पर सरकार की स्वीकृति के बाद संस्कृत विभाग भी आरंभ हो चुका है। आने वाले समय में यहां पर नई शिक्षा नीति के अनुरूप विभिन्न भाषाओं का अध्ययन आरंभ होगा। नई शिक्षा नीति  को लागू करने में उत्तर प्रदेश देश भर में अग्रणी रहा है। कोरोना काल में सरकार ने डिजिटल लाइबे्ररी की स्थापना कराई थी। इसमे करीब 78 हजार से अधिक ई-कंटेन्ट अपलोड किए गए थे। इसमें मेरठ विश्वविद्यालय अग्रणी रहा था। उन्होंने कहा कि किसानों के मसीहा चौ चरण सिंह के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय ने तमाम रिकार्ड स्थापित किए हैं। महाविद्यालयों को सुगमता से सम्बद्धता देने में भी यह काफी आगे है। सरकार ने राजकीय महाविद्यालयों में प्रीलोडेड टैबलेट देने का काम किया है। नई शिक्षा के अनुरूप पाठ्यक्रम की पुनर्संरचना की गई है। सभी विश्वविद्यालयों में रोजगारपरक कोर्स आरंभ किए गए हैं। फार्मेसी और नर्सिंग जैसे तमाम कोर्स आरंभ हुए हैं।सरकार की मंशा है कि विद्यार्थी नौकरी देने की क्षमता हासिल करे। कौशल विकास के लिए उच्च शिक्षा विभाग और लघु उद्योग विभाग के बीच में एमओयू हस्ताक्षरित हुआ है।

डिप्टी सीएम ने कहा कि कोरोना जैसे संक्रमण काल में भी सरकार ने ज्ञान के प्रवाह को रुकने नहीं दिया है। यूपी इसके लिए आनलाइन शिक्षण की व्यवस्था करने वाला पहला राज्य था। विश्वविद्यालयों में सेमिनार आदि भी आनलाइन जारी रहे थे। सरकार ने एनसीसी को भी माइनर इलेक्टिव विषय के रूप में शामिल किया है। रिसर्च को प्रोत्साहन के लिए सभी विश्वविद्यालयों में दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ की स्थापना कराई गई है।

इसके साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी रोजगार सृजन पीठ, सुशासन पीठ, भाऊराव देवरस शोध पीठ, महात्मा गांधी शोध पीठ जैसी पीठों की स्थापना कराई गई है। इनमें रिसर्च हो और विद्यार्थी रोजगार से जुड सकें  इसके लिए प्रयास जारी हैं। सेन्टर आफ एक्सीलेन्स भी विश्वविद्यालयों को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नवाचार को बढावा देने के लिए स्टार्ट अप नीति बनाई गई है। इसके लिए 1000 करोड रुपए की राशि आयोजित की गई है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शी तरह से शिक्षक एवं सरकारी महाविद्यालयों में प्राचार्य उपलब्ध कराए गए है हैं। सरकार ने शिक्षकों की लम्बे समय से चली आ रही उस मांग को पूरा किया है जिसमें महाविद्यालयों के शिक्षकों को भी शोध कराने अनुमति देने की बात कही गई थी। महाविद्यालयों के शिक्षकों को भी प्रोफेसर के पदनाम पर प्रमोशन दिया जा सकेगा। इससे उनके जीवन में उच्च पदो पर आसीन होने की संभावनाए बढ गई हैं।

About Samar Saleel

Check Also

नवनियुक्त सूचना निदेशक से मिला पत्रकार एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन (UP District Accredited Journalist Association) के पदाधिकारियों ...