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घाटमपुर सीएचसी में फाइलेरिया सहायता समूह के सदस्यों का हुआ उपचार

● सीफ़ार फाइलेरिया रोगियों का समूह बना कर रोग से लड़ने में कर रहा सहयोग

कानपुर। एक अच्छी पहल से कई लोगों को मदद मिलती है। ऐसी ही पहल है फाइलेरिया रोगियों के लिए बने स्वयं सहयता समूह, जिनके प्रयास से उपचार से अनजान फाइलेरिया पीड़ितों का उपचार शुरू हुआ। घाटमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक डॉ. कैलाश चन्द्र ने स्वयं पीड़ितों की जांच कर उपचार शुरू किया।

घाटमपुर ब्लॉक के ग्राम भद्रस में बने संकट मोचन फाइलेरिया सहायता समूह के सदस्यों का बुद्दवार को घाटमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जांच व उपचार शुरू हुआ। सहायता समूह के 9 सदस्यों की जांच स्वयं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कैलाश चन्द्र ने की। जांच के बाद सभी फाइलेरिया पीड़ितों को उपचार और रखरखाव के बारे में जानकारी दी और निःशुल्क दवाईयाँ उपलब्ध कराई गई।

डॉ. कैलाश चन्द्र ने बताया कि फाइलेरिया सहायता समूह की सभी सदस्यों की जांच की गई है । जांच के बाद सभी को निःशुल्क आवश्यक दवाइयां दी गई हैं। फाइलेरिया से ग्रसित अंग के रख-रखाव के लिए आवश्यक जानकारी भी दी गई है। डॉ. कैलाश ने कहा कि यह अच्छी पहल है कि फाइलेरिया के रोगी स्वयं बीमारी के प्रति जागरूक हो रहे हैं। फाइलेरिया का कोई सफल उपचार नहीं है। इसलिए जागरूकता अति आवश्यक है। सीफ़ार की ओर से फाइलेरिया पीड़ितों को सहयोग किया जा रहा है जो बहुत की सराहनीय और अच्छी पहल है।

फाइलेरिया को जड़ से ख़त्म करने के लिए सरकार, स्वास्थ्य विभाग और कई स्वयंसेवी संस्थाएं प्रयास कर रही हैं। इसी क्रम में स्वयंसेवी संस्था सीफ़ार की ओर से फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्तियों के लिए कार्य किया जा रहा है। फाइलेरिया के चलते अक्सर रोगी को समाज में और कभी-कभी अपने ही घर में भेद-भाव का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सीफ़ार फाइलेरिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने व फाइलेरिया रोगियों को स्वयं आगे आकर अपनी समस्याओं को दूर करने, उपचार व देखभाल में सहयोग कर रहा है।

सहायता समूह की सदस्य और फाइलेरिया पीड़ित रामदुलारी ने बताया कि वह सीफ़ार संस्था से पिछले दो माह से जुड़ी हैं। इससे पहले उन्हें यह नहीं पता था कि फाइलेरिया बीमारी कैसे होती है और इस बीमारी का उपचार व रखरखाव कैसे करें। संस्था ने ही उन्हें जानकारी दी कि फाइलेरिया का उपचार ज़रूरी है। रामदुलारी ने बताया कि सीफ़ार के सदस्य उन्हें अपने साधन से इलाज के लिए स्वास्थ्य केन्द्र लेकर गए। वहाँ हम सभी फाइलेरिया पीड़ितों को बड़े डॉक्टर साहब ने देखा और जांच के बाद दवाइयां भी मुफ्त मिली। रामवती ने बताया कि उनका पैर फाइलेरिया से ग्रसित है। डॉक्टर ने उनके पैर की जांच की और उन्हें पैर को ठीक से धोने का तरीका बताया और लगाने के लिए दवा भी बताई।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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