द्रौपदी मुर्मू भारत की महामहिम बन गई हैं। सोमवार को उन्होंने देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इसके साथ ही उन्होंने शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी और दूसरी महिला होने का गौरव भी हासिल किया है।द्रौपदी मूर्मु ने देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली है।
सोमवार की सुबह संसद के सेंट्रल हॉल में शपथ लेने के बाद उनका पहला संबोधन 18 मिनट का रहा। इसमें उन्होंने गरीब से लेकर युवा और महिलाओं तक का जिक्र किया। इतिहास से लेकर आजाद भारत के विकास की यात्रा पर प्रकाश डाला। बोलीं, ‘मेरे लिए देश के युवाओं और महिलाओं का हित सर्वोपरि होगा।’
उन्होंने कहा, ‘ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी। और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है।’ मुर्मू ने कहा, ‘मैं चाहती हूं कि हमारी सभी बहनें व बेटियां अधिक से अधिक सशक्त हों तथा वे देश के हर क्षेत्र में अपना योगदान बढ़ाती रहें।’