पुराने जमाने में लोग अपने घरों में चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल करते थे। भले ही आजकल चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल काफी कम हो चुका है लेकिन बड़े-बुजुर्ग आज चांदी के बर्तन में ही पानी पीना या खाना पसंद करते हैं।
क्या कभी आपने जानने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों? दरअसल, चांदी के बर्तन में पानी पीना स्वास्थ्य के लिहाज से काफी फायदेमंद है। सिर्फ आयुर्वेदिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी चांदी के बर्तन में पानी पीने की सलाह देते हैं।
जी हां कई भारतीय घरों में पीढ़ियों से चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि कई लोग इसे रॉयल्टी और लक्जरी के निशान के रूप में उपयोग करते हैं लेकिन किसी को यह ध्यान रखना चाहिए कि इसमें कुछ और भी है।
चांदी के कई औषधीय गुण भी होते हैं और यह प्रमुख कारण है जिसका उपयोग विशेष रूप से बर्तनों के रूप में किया जाता है। चांदी एक मूल्यवान धातु है और इसमें नम प्रकृति होती है। इसमें हवा या अन्य गैसीय माध्यमों के कारण होने वाले केमिकल क्षरण के खिलाफ लड़ने की क्षमता होती है। यह विभिन्न चिकित्सीय प्रणाली में अपने औषधीय मूल्यों के लिए फेमस है।
हालांकि, इसका उपयोग ज्यादातर किचन के बर्तन जैसे कि प्लेट, चम्मच और गिलास बनाने के लिए किया जाता है। यह कीमती धातु अपने गैर विषैले प्रकृति के लिए जानी जाती है। यह अपने बर्तनों में लिक्विड या भोजन की ताजगी बनाए रखने की क्षमता के लिए भी फेमस है।
चांदी के लोटे में रोजाना पानी पीने से आपको कई तरह के फायदे हो सकते हैं। इसके फायदों के बारे में सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर बता रही हैं।