जयपुर। राजस्थान की सियासत के समंदर में इन दिनों नई लहरें बड़ी तेजी से उठ रही हैं। सियासी गलियारों में इस बात ही चर्चा आमोखास है कि इस बार कोई नहीं हवा यहां चलेगी।
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सियासी पर्यवेक्षकों का एक समूह मान चुका है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को नई सरकार की कमान सौंपे जाने की संभावनाएं बिल्कुल न के बराबर है।
इसके प्रतिकूल पर्यवेक्षकों का एक वर्ग मानता है कि लोकसभा चुनाव और प्रदेश की 25 सीटों को जीतने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्हें एक बार फिर नेतृत्व सौंपा जा सकता है।
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यही वह कारण है, जिससे वसुंधरा राजे सिंधिया के समर्थक नाउम्मीद नहीं हैं। लेकिन इसके बावजूद राजस्थान के नाज़ुक मिज़ाज सियासतदानों में अब यह संभावनाएं भी टटोली जा रही हैं कि वसुंधरा राजे सिंधिया मुख्यमंत्री नहीं बनती हैं तो फिर क्या-क्या हो सकता है!