योगी सरकार शहरों में निराश्रित पशुओं को आश्रय देने के लिए जरूरत के आधार पर और भी गौशालाएं खुलवाएगी। इसके लिए निकायों से जल्द ही प्रस्ताव मांगने की तैयारी है। नगर विकास विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके साथ ही इनमें रहने वाले पशुओं को भरपूर पौष्टिक आहार देने के लिए पर्याप्त इंतजाम कराए जाएंगे।
नगर विकास विभाग को इस बार इसके लिए भरपूर बजट भी दिया गया है। चारे और भूसे के लिए 100 करोड़ रुपये इस बार खर्च किए जाएंगे। जरूरत के अनुसार इसमें और भी बढ़ोत्तरी हो सकती है। कुछ गौशालाओं पर देनदारियां भी हैं। इसलिए इसे चुकता करने के लिए 140 करोड़ रुपये निकायों को दिए जाएंगे। नई गौशालाएं बनाने पर करीब 60 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का अनुमान है।
नगर विकास विभाग इसके लिए जिलेवार पहले चरण में सर्वे कराएगा। यह देखा जाएगा कि मौजूदा समय जो बने हुए हैं क्या उनका विस्तार हो सकता है। ऐसी स्थिति न होने पर दूसरे स्थान पर इसे बनाने के लिए पैसा दिया जाएगा।
राज्य सरकार निराश्रित पशु और गौवंश के लिए शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में गौशालाएं खोलने के निर्देश विभागों को दिए हैं। नगर विकास विभाग को शहरों में गौशाला खोलने की जिम्मेदारी मिली है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में मौजूदा समय 521 गौशालाओं में 75 हजार गौवंश रह रहे हैं। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि कोई भी गौवंश इधर-उधर न भटके। उनके रखने के साथ ही उनके चारे के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएं।