लोकसभा चुनाव 2024 में अभी एक साल का वक्त बचा है, लेकिन भाजपा ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। खास रणनीति बनाई जा रही है, कमजोर सीटों को चुनकर प्रचार के लिए विशेष योजना तैयार की गई है।
पार्टी को लगता है कि कमजोर मानी जा रही सीटों पर यदि वह अच्छा प्रदर्शन करती है तो फिर बिहार, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में संभावित नुकसान की स्थिति को कवर कर पाएगी। पार्टी ने तीन महासचिवों सुनील बंसल, विनोद तावड़े और तरुण चुग की एक कमेटी बनाई है, जो लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार कर रही है। शनिवार को होम मिनिस्टर अमित शाह के आवास पर इस कमेटी की मीटिंग हुई थी।
इस बैठक में भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष के अलावा केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर भी मौजूद थे। भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने इस बार 400 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए वह ओडिशा, बंगाल जैसे राज्यों पर भी खास फोकस कर रही है ताकि सीटों का आंकड़ा बढ़ाया जा सके। भाजपा ने देशभऱ में कुल 160 सीटों को चुना है, जिन्हें वह अपने लिए कमजोर मान रही है। इन सीटों पर विजय के लिए खास रणनीति तैयार की गई है। इन 160 सीटों को 40 क्लस्टरों में बांटा गया है। इन सभी 40 क्षेत्रों में पीएम नरेंद्र मोदी की रैली कराए जाने की प्लानिंग है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमित शाह और जेपी नड्डा भी इन 160 सीटों के दौरे पर हैं। भाजपा अगले महीने ही अपने स्थापना दिवस से बड़ा अभियान शुरू करने वाली है। भाजपा का 6 अप्रैल को स्थापना दिवस है और तब से 30 मई तक वह एक जनसंपर्क अभियान चलाएगी। बता दें कि 30 मई तो नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में अपने 9 साल पूरे कर लेगी। भाजपा ने अपने महिला, किसान और युवा मोर्चों को भी सक्रिय कर दिया है। खासतौर पर दलित आबादी वाली सीटों पर फोकस किया जाएगा।
यही नहीं जरूरत पड़ने पर पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों की संख्या 60 तक हो सकती है। पार्टी का खास फोकस गैर-भाजपा शासित राज्यों में है, जैसे ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल। भाजपा को लगता है कि यहां विपक्ष को आसानी से घेर सकेगी। पार्टी की योजना है कि केंद्र सरकार की स्कीमों से तैयार परियोजनाओं का पीएम नरेंद्र मोदी ही उद्घाटन करें। इस रणनीति के तहत पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही कई रैलियां कर चुके हैं। इसी साल के अंत तक कुछ और रैलियां पीएम मोदी करने वाले हैं।