हिंदू धर्म में सावन का महीना सबसे पवित्र माना गया है। सावन शिवरात्रि का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। सावन का सभी सोमवार बहुत पवित्र होता है और कुंवारी लड़कियां अगर भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करें तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है। इसलिये यह बहुत जरूरी है कि आप सही विधि विधान से पूजा करें नहीं तो आपकी छोटी मोटी भूल कई नुकसान पहुंचा सकती है। अगर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए गलतियां करेंगे तो आपको पूजा का फल प्राप्त नहीं होगा। यहां जानें शिव पूजा के दौरान क्या नहीं करना चाहिये।
शिव पूजा के दौरान न करें ये गलतियां
सावन शिवरात्रि में लोग अक्सर काले रंग के कपड़े पहन कर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। मगर ऐसा करने से शिव जी नाराज हो जाते हैं।
शिवलिंग पर कभी भी तुलसी, हल्दी या कुमकुम न चढ़ाएं। इन चीजों को वर्जित माना गया है। इसकी जगह पर आप शिव जी की प्रिय चीजों को अपनी पूजा में शामिल करें जैसे, धतूरा, आक, बेलपत्र और भांग आदि।
शिवलिंग पर चढ़ा चल जिस ओर से बाहर निकल रहा हो, उसे कभी भी गलती से लांघना नहीं चाहिए।
इस दिन किसी भी व्यक्ति को गलत बात नहीं बोलना चाहिए और ना ही गलत सोचना चाहिए।
शिव की पूजा में तिल का प्रयोग ना करें। और न ही चंपा का फूल चढ़ाएं।
कभी भी दो शिवलिंग, दो शंख, दो चक्रशिला, दो गणेश जी की मूर्ति का पूजन एक बार में नहीं करना चाहिये।
सावन शिवरात्रि पर ऐसे करें पूजा
इस दिन सुबह उठ कर स्नान कर के मन को पवित्र कर लें। घर पर या मंदिर में शिव जी की पूजा करें और शिव जी के साथ माता पार्वती और नंदी गाय को पंचामृत जल अर्पित करें। ऐसा करने के बाद शिवलिंग पर ऊपर बताई हुई सामग्रियों को एक एक कर के शिव मंत्र :ॐ नमः शिवाय के जाप के साथ चढ़ाते जाएं। भगवान की पूजा दिल से करें, इससे आप उन्हें जो कुछ भी अर्पित करेंगे उससे आपकी पूजा सफल मानी जाएगी।