उत्तर प्रदेश सरकार ने आपदा प्रबंधन का मॉडल प्रस्तुत किया है। इसकी व्यापक सराहना भी होती रही है। फिर भी अनलॉक में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। इसको रोकने के लिए सरकार पुरजोर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके अंतर्गत प्रदेश के सभी लोगों से कोरोना बचाव के दिशा निर्देशों पर अमल की पुनः अपील की है। इसी के साथ प्रशासन को भी इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने कोरोना संबधी निगरानी और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ती आवश्यकताओं के अनुरूप सुदृढ़ करने के निर्देश भी दिए है। इसके दृष्टिगत जिला स्तर पर भी अधिकारियों की टीम गठित की गई है।
वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम भी इस संबन्ध में विचार विमर्श के बाद विशेषज्ञ रिपोर्ट शासन को सौपेगी। योगी बचाव के दिशा निर्देशों के पालन की बार बार अपील कर रहे है। अनलॉक में इसकी आवश्यकता बहुत बढ़ गई है। इसका पालन करना अपरिहार्य है। अन्यथा कोरोना पर नियंत्रण मुश्किल हो जाएगा। योगी ने कहा कि कोविड संक्रमण की रोकथाम में मास्क का उपयोग तथा सोशल डिस्टेन्सिंग की प्रभावी भूमिका है। अतः इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। जो लोग इसका अनुपालन न करें, उनसे पांच सौ रुपए जुर्माने की वसूल किया जाएगा। टेस्टिंग की संख्या लगातार बढ़ायी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए इन्फ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स आक्सीमीटर का कोरोना स्क्रीनिंग के लिए प्रभावी ढंग से इस्तेमाल सुनिश्चित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने आज अपने सरकारी आवास पर कोविड मरीजों की निगरानी के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण को देखा। इस संबन्ध में आवश्यक निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण को फैलने से रोकने और मरीजों की निगरानी का एक प्रभावी माॅडल तय किया जाए।कोविड संक्रमण के इलाज के लिए स्थापित किए गए एल वन, टू व थ्री अस्पतालों को प्रभावी ढंग से संचालित किया जा रहा है। जिससे संक्रमण को तीनों स्टेज पर ही उपचारित किया जा सके। उनकी चिकित्सकीय निगरानी औषधि,पौष्टिक व सुपाच्य आहार,सफाई और सैनिटाइजेशन आदि की व्यवस्था के निर्देश दिए गए। पीजीआई, केजीएमयू, डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशकों व वरिष्ठ डाॅक्टरों की एक टीम गठित गठित हो रही है,जो संक्रमण से बचाव के रणनीति पर सुझाव देगी। रैपिड एन्टीजन टेस्ट किट्स की भी पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।