यूपी समेत पांच चुनावी राज्यों में भाजपा पहली बार मुसलमान मतदाताओं को साधने के लिए अपनी टीम मैदान में उतारेगी। इसका ब्लू प्रिंट तैयार हो गया है। पार्टी इसके लिए बड़ा अभियान शुरू करने के बजाय केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों से सीधा और व्यक्तिगत संपर्क साधेगी।
प्रयोग के तौर पर पार्टी उन बूथों पर ध्यान केंद्रित करेगी जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 70 फीसदी से अधिक है और पसमांदा मुसलमानों की तादाद ज्यादा है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना हो या किसान सम्मान निधि योजना या फिर कोई अन्य योजना।
मोदी सरकार ने खासतौर पर पसमांदा समाज को योजनाओं का लाभ देने के लिए चिह्नित किया था। मुसलमानों की केंद्रीय योजनाओं में कुल हिस्सेदारी में इस समाज की हिस्सेदारी 80 फीसदी है। इसलिए प्रयोग के तौर पर पहले इसी समाज को साधने की रणनीति बनाई गई है।