बिहार विधानसभा चुनाव के बीच कोरोना वायरस की मुफ्त वैक्सीन को लेकर चल रही सियासत पर निर्वाचन आयोग ने विराम लगा दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में कोरोना का टीका मुफ्त देने का वादा किया था. इसको लेकर पिछले हफ्ते निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई थी.
शिकायत में कहा गया था कि यह वादा चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. सूचना का अधिकार कार्यकर्ता साकेत गोखले ने आयोग से यह शिकायत की थी. चुनाव आयोग ने इस शिकायत की जांच के बाद कहा है कि यह मामला आचार संहिता उल्लंघन के दायरे में नहीं आता.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक निर्वाचन आयोग ने आरटीआई कार्यकर्ता को भेजे अपने जवाब में कहा है कि चुनाव घोषणापत्र में किए गए वादों को लेकर स्पष्ट नियम निर्धारित हैं. इसके तहत घोषणापत्र में कोई ऐसा वादा नहीं किया जाना चाहिए, जो संविधान की भावना के प्रतिकूल हो. साथ ही ऐसा कोई वादा जो चुनाव की पवित्रता या मतदाताओं के अधिकार को प्रभावित करने वाला भी नहीं होना चाहिए. निर्वाचन आयोग ने अपने जवाब में कहा है कि इन नियमों के आधार पर यह मामला आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का नहीं बनता है.
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने पिछले दिनों अपना संकल्प पत्र जारी किया था, जिसमें कोरोना महामारी का टीका आने के बाद बिहार में इसे लोगों को मुफ्त देने की घोषणा की गई थी. इसको लेकर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में 11 वादों का जिक्र करते हुए कहा है कि कोरोना से लड़ाई के लिए बिहार की एनडीए सरकार एक उदाहरण स्थापित करेगी. इसके तहत कोरोना महामारी का टीका तैयार हो जाने के बाद लोगों को यह मुफ्त में दिया जाएगा.