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जिपं अध्यक्ष चुनाव: सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू

औरैया। जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। एक ओर जहां समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद प्रदीप यादव ने सत्ता पक्ष पर जिला पंचायत सदस्यों पर दबाव बनाकर वोट लेने का आरोप लगाया है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक शिव प्रसाद यादव ने उन्हें सपा की सरकार के समय के कारनामे याद दिलाते हुए कहा कि उन्हें तो इस प्रकार के मिथ्या आरोप लगाने का कोई हक नहीं है।

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जिला जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव की घोषणा किये जाते ही सपा के पूर्व सांसद प्रदीप यादव व जिलाध्यक्ष राजवीर यादव ने प्रेस वार्ता कर कहा संख्या बल न होने पर भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया कि वह सत्ता के बल पर सपा के सदस्यों का उत्पीड़न कर जबरन अपना अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार संविधान के अनुरूप काम न कर प्रजातंत्र को खत्म करने करने का काम कर रहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर पुलिस व प्रशासन के द्वारा जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्यों के साथ गुंडई कर उनके घरों में छापा डाल मकानों का गलत निर्माण बताकर भाजपा के पक्ष में वोट करने को मजबूर कर रही है। उन्होने कहा कि पंचायत चुनाव 2022 को सेमीफाइनल था जिसमें समाजवादी पार्टी जीती। जिसके बाद भाजपा सरकार अपनी इमेज बचाने के लिए सपा समर्थित सदस्यों के साथ प्रशासन के माध्यम से गुंडई करा रही है। और सपा नेताओं के खिलाफ फर्जी मुकदमें लिखाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने मंसूबों में सफल नहीं होगी औरैया में अध्यक्ष सपा का ही बनेगा और 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सपा की एकतरफा सरकार बनेगी तब हमारे कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न करने वाले अधिकारियों को सबक सिखाया जायेगा।

वहीं सपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए भाजपा के पूर्व विधायक शिवप्रसाद यादव ने कहा कि सपा को लोकतांत्रिक मर्यादाओं और संविधान की बात करने का कोई हक नहीं है। क्योंकि सपा सरकार के समय लोकतांत्रिक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ाकर सिर्फ अलोकतांत्रिक गतिविधियों एवं कार्यो का ही समर्थन किया है। उन्होंने भरथना में ब्लाक प्रमुख राधेश्याम यादव की हत्या, चुनाव के नामांकन के दौरान इटावा कचहरी में दरोगा की हत्या, पंचायत चुनाव के दौरान सपा के गुण्डों द्वारा इटावा में प्रमाणपत्र फाड़ बाबा हरनारायण यादव की कपड़े उतरवाकर जमकर मारपीट किये जाने और फरवरी 2006 में ब्लाक प्रमुख चुनाव जिसमें उनका भाई भाजपा से चुनाव लड़ रहा था के समय संख्या बल न होने पर पुलिस व प्रशासन की मदद से बीडीसी सदस्यों के साथ जमकर मारपीट करने गोली चलवाने व गलत तरीके से सपा प्रत्याशी को प्रमाणपत्र दिये जाने और उन लोगों को जेल भिजवाने, औरैया के जिला पंचायत चुनाव के दौरान संख्याबल न होने पर बसपा के सदस्यों का अपहरण कर उनके साथ जुल्म ज्यादती कर बसपा प्रत्याशी शवाना बेगम को यह कहकर धमकाना कि उन्हें अध्यक्ष बनना है या पति जिंदा चाहिए की याद दिलाते हुए कहा कि तब लोकतांत्रिक मर्यादा कहां थी।

उन्होेंने कहा कि सपा सरकार के दौरान तो विरोधियों को नामांकन तक नहीं करने दिया गया था जबकि भाजपा सरकार में जिसने भी चुनाव लड़ा और जीता उसे ही जीता घोषित की प्रमाणपत्र दिया गया, क्योंकि भाजपा लोकतंत्र में पूर्ण विश्वास करती है।  उन्होंने सपा के पूर्व सांसद से कहा कि आप अपनी समीक्षा कीजिए और अपने आप को देखिए कि आपके कारनामें क्या रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी आदर्श मूल्यों के अनुरूप काम कर रही है जहां चुनाव हुए, मतगणना हुई, वहां जो जीता है उसे जीत का प्रमाण पत्र मिला है। अगर भाजपा जबरदस्ती करती तो इटावा और औरैया जिले में सभी हमारे ही जिला पंचायत के सदस्य जीतकर आते। लेकिन भाजपा को लोकतंत्र में विश्वास है और वह लोकतांत्रिक तरीके से अपना काम कर रही है। उन्होंने प्रदीप यादव को सलाह दी कि आप अपने गिरेबान में झांक कर के देखिए कि अपनी सरकार के समय में किस तरह आपाधापी कर काम कर रहे थे।

 

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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