राजधानी दिल्ली में बिजली की दरों में इजाफा हो गया है। पावर रेग्युलेटर डीईआरसी ने वितरण कंपनियों को बिजली के दाम में इजाफे की अनुमति दी है। बिजली वितरण कंपनियों ने कीमत में वृद्धि के लिए अर्जी दायर की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है।
बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीआईपीएल) को 9.42 फीसदी कीमत बढ़ाने की छूट दी गई है तो बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) 6.39 फीसदी और दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल (एनडीएमसी) को 2 फीसदी इजाफे की अनुमति मिली है।
आतिशी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘दिल्ली के लोगों को बताना चाहती हूं कि आज दिल्ली जैसे शहर में भी बिजली की कीमत बढ़ रही है तो सिर्फ केंद्र सरकार की वजह से।
पावर परचेज अग्रीमेंट कॉस्ट जो 10 साल के लिए तय होती है, लेकिन चाहे डीईआरसी हो या देश की कोई भी इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलट्री कमीशन हो, वे हर कुछ महीने बाद इस कॉस्ट का मूल्यांकन करती हैं और बिजली कंपनियों को तीन महीने के लिए सरचार्ज घटाने या बढ़ाने की अनुमति मिलती है।
उन्होंने कहा कि दाम इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि केंद्र सरकार के कुप्रबंधन की वजह से आज कोयले का दाम महंगा हो गया है। 75 साल में पहली बार कोयले की कृत्रिम कमी हो गई है, उसकी वजह से कीमत बढ़ रही है। केंद्र सरकार ने जबरदस्ती नियम बना दिया है कि कोई भी कोयला खरीदेगा तो उन्हें 10 फीसदी आयातित कोयला इस्तेमाल करना होगा। इसकी कीमत भारतीय कोयले से 10 गुना ज्यादा है।’
हालांकि, दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि इस इजाफे का उपभोक्ताओं पर सीधा असर नहीं पड़ेगा। दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी ने कहा है कि जिन उपभोक्ताओं को 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिलती है उनका बिल पहले की तरह ही शून्य रहेगा।
आतिशी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘दिल्ली के उपभोक्ताओं को बताना चाहती हूं कि जिनका जीरो बिल आता है, वह जीरो ही रहेगा। चाहे सरचार्ज बढ़े या घटे, यह उनकी सब्सिडी में शामिल है।’ इजाफे के लिए केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ते हुए आतिशी ने बताया कि महीने में 200 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को 8 फीसदी सरचार्ज देना होगा।
आतिशी ने कहा, ‘जिनके बिल बिना सब्सिडी के आते हैं, उन्हें प्रति यूनिट कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि टैरिफ पहले से तय हैं। लेकिन 8 फीसदी सरचार्ज बढे़गा। यदि किसी का 100 रुपए बिल आता है तो 108 रुपए आएगा।’