हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के कारण लगातार बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के अनेक भागों में हुई आफत की बारिश और भूस्खलन से जनजीवन प्रभावित हुआ है। हमीरपुर जिले में सुजानपुर उपमंडल के खेरी गांव में बादल फटने की घटना से कुछ घरों में बाढ़ का पानी घुस गया।
भारी वर्षा से विभिन्न क्षेत्रों में हुए भूस्खलन से राज्य में छह लोगों की जान गई है और एक घायल हो गया है, जबकि एक व्यक्ति अब भी लापता है। इसके अलावा प्रदेश के कई भागों में भारी वर्षा से आई बाढ़ से कई पशुओं व गाड़ियों के बहने और अन्य संपत्ति को नुकसान हुआ है। कुल्लू और मंडी को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर 15 किसोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। इससे पर्यटकों का बुरा हाल है।
भूस्खलन से चंडीगढ़-मनाली व शिलाई-पांवटा साहिब नेशनल हाइवे सहित 83 सड़क मार्ग अभी भी अवरुद्ध (ब्लॉक) हैं, जिन्हें खोलने के प्रयास किये जा रहे हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे मंडी जिला में दो जगह अवरूद्व है और इस हाइवे पर कल से वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। हालांकि कुल्लू से आने वाली छोटी गाड़ियों को वाया गोहर-चौक होते हुए भेजा जा रहा है लेकिन बड़ी गाड़ियां और मालवाहक वाहन अभी भी जाम में ही फंसे हुए हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य भर में भूस्खलन से 83 सड़कें अवरूद्व हैं। मंडी जिला में सबसे ज्यादा 35 सड़कें बंद हैं। इसी तरह सिरमौर जिला में 23, चंबा में 10, सोलन में सात, कुल्लू में पांच, बिलासपुर, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति और शिमला में एक-एक सड़क बाधित है। भारी वर्षा से 140 ट्रांसफार्मरों के ठप पड़ जाने से कई जगह बिजली गुल है। सिरमौर जिला के नाहन उपमंडल में 69, चंबा में 30, मंडी में 25, कुल्लू में 16, लाहौल-स्पीति में आठ, हमीरपुर में पांच और किन्नौर में एक ट्रांसफार्मर बंद है।
पलम की खेप लेकर जा रहे जीप चालकों ने बताया कि वे पिछले कल से जाम में फंसे हैं। अगर पलम सही समय पर मंडी में नहीं पहुंचे तो फिर फसल खराब हो जाएगी और उन्हें भाड़ा भी नहीं मिलेगा। मंडी के एएसपी सागर चंद्र ने बताया कि सात और चार मील के पास नेशनल हाईवे को बहाल करने का कार्य लगातार जारी है। इस बीच पराशर घूमने आये चंबा के 100 विद्यार्थी बागी में सड़क टूटने के कारण बीती रात से ही फंसे हुए हैं जिन्हें सुरक्षित ठहराया गया है।