बिहार विधानसभा चुनाव के लिए लंबे मंथन के बाद महागठबंधन में सीटों को लेकर सहमति बन गई है. सीटों का बंटवारा होने के बाद महागठबंधन के सभी दलों ने अपने प्रत्याशियों का नाम ऐलान करने का सिलसिला शुरू कर दिया है. आरजेडी ने पहले चरण के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगा दी है. पहली लिस्ट में नोखा से अनीता देवी, चकाई से सावित्री देवी, जमुई से विजय प्रकाश यादव, जहानाबाद से सुदेय यादव को टिकट दिया गया है.
जबकि रामगढ़ सीट से आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह, शाहपुर से शिवानंद तिवारी के बेटे राहुल तिवारी और शेखपुरा से विजय सम्राट को टिकट दिया गया है. वहीं बेलहर से रामदेव यादव, झाझा से राजेंद्र यादव, मखदुमपुर से सूबेदार दास, भोजपुर के शाहपुर से राहुल तिवारी, जहानाबाद से सुदय यादव पर दांव खेला गया है.
महनार-लालगंज सीटों पर पेंच फंसा
जानकारी के मुताबिक सीट पर पेंच फंस गया है. पूर्व सांसद रामा सिंह ने इस सीट पर अपना दावा किया है. वहीं इनमें से किसी एक सीट पर आरजेडी नेता विशुनदेव राय के भतीजे डॉ. मुकेश रंजन का भी दावा है. दो दिग्गजों के आमने-सामने आ जाने के कारण तेजस्वी यादव भी असमंजस में हैं.
इसीलिए बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने दोनों दावेदारों को आमने-सामने बैठा कर बात की, लेकिन महनार सीट पर फंसा पेंच हल नहीं हो सका. दोनों को आज सुबह भी राबड़ी आवास बुलाया गया है.
तेज प्रताप को फिर किया नजर अंदाज
जिस हिसाब से टिकटों का बंटवारा हुआ है, उससे लगता है कि तेज प्रताप को एक बार फिर से नजर अंदाज किया गया है. क्योंकि तेज प्रताप के कई करीबी नेताओं को टिकट नहीं मिला है. हालांकि इस चुनाव में लालू यादव को काफी सक्रिय माना जा रहा है. सभी उम्मीदवार लालू यादव की सहमति पर फाइनल किए गए हैं.