लखनऊ। उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुने पीआईयू-लोनिवि के अधिशासी अभियन्ताओं से कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बने सड़कों पर निर्माण व अनुरक्षण कार्य पूर्ण करते हुए शीघ्र ही प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करें। उन्होंने कहा कि जिन मार्गों पर अनुरक्षण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है उन मार्गों पर तत्काल अनुरक्षण कार्य प्रारंभ करें अन्यथा ठेकेदारों के साथ ही पीआईयू के अभियंताओं के खिलाफ भी कार्यवाही होगी।
उन्होंने कहा कि जिन ठेकेदारों द्वारा अनुरक्षण कार्यों में लापरवाही की जा रही है उन्हें चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध पीआईयू के अधिशासी अभियन्ता मुकदमा दर्ज करायें। उन्होंने अधिशासी अभियंताओं से कहा कि लापरवाह ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट व डिबार करें अन्यथा पीआईयू के अभियंताओं की लापरवाही में संलिप्तता समझते हुए अभियंताओं के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में अनुरक्षण कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि विवादास्पद मार्गों के विवादों को दूर करते हुए कार्य को प्रारंभ करा दें। उन्होंने कहा कि अभियंता और ठेकेदार पीएमजीएसवाई के कार्यों के प्रति संवेदनशील रहकर कार्य करें।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुजीत कुमार मंगलवार को उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सभागार में पीआईयू-लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के साथ बैठक कर पीएमजीएसवाई के मार्गों पर चल रहे निर्माण व अनुरक्षण कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। ज्ञातव्य हो कि पीएमजीएसवाई के कार्यों को जनपदों में पीआईयू-लोक निर्माण विभाग तथा पीआईयू-ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अभियंताओं द्वारा किया जाता है। मंगलवार को मुख्य कार्य पालक अधिकारी द्वारा पीआईयू-लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं द्वारा कराए जा रहे कार्यों की समीक्षा की जा रही थी।
ठेकेदारों को डिबार करते हुए एफआईआर
समीक्षा बैठक में कानपुर देहात, कानपुर नगर, सोनभद्र, चंदौली जनपदों में निर्माण कार्य में काफी लापरवाही पाई गई। इन जनपदों में निर्माण कार्य लगभग 200 दिन से ज्यादा दिन टाइम ओवर रन पाए गए। इन जनपदों के अधिशासी अभियंताओं को मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने चेतावनी देते हुए 15 नवंबर तक निर्माण कार्यों को पूर्ण करने का समय दिया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर 15 नवंबर तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुए तोे ठेकेदारों को डिबार करते हुए एफआईआर दर्ज होगी और संबंधित जनपदों के अधिशासी अभियंताओं पर भी मुकदमा दर्ज कर निलंबन की कार्यवाही की जाएगी।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कुछ जनपदों के अधिशासी अभियंताओं द्वारा मुख्यालय के फोन काॅल अटैंड न करने शिकायत पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए इन अभियन्ताओं को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पीआईयू के सभी अभियंताओं को सीयूजी नंबर दिया गया है जिसे अटैंड करना अनिवार्य है। उन्होंने अधिशासी अभियंताओं से कहा कि वह अपने-अपने जनपदों के जिलाधिकारी के संपर्क में रहकर स्थानीय स्तर पर आ रही समस्याओं को दूर करें। समीक्षा में पाया गया कि मुख्यालय पर एक-एक महीने देरी से मार्गों के निर्माण व अनुरक्षण की रिपोर्ट प्राप्त हो रही है। सीईओ ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए समय से मुख्यालय पर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने अभियंताओं से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी ठेकेदार मनमानी ना करे और ना ही आम जनता को परेशानी हो। उन्होंने सड़कों पर पेंटिंग कार्य शुरू करने का निर्देश दिया और कहा कि इस कार्य में किसी को भी टाइम एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा।
प्रतापगढ़ के अधिशासी अभियंता को लगी फटकार
अमेठी के पैकेज संख्या 7502 पर निर्माण कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया। इस कार्य में ठेकेदार पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जिस पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए एग्रीमेंट के अनुरूप तत्काल कार्रवाई कर मुख्यालय को अवगत कराने का निर्देश संबंधित अभियंता को दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यवाही की जानकारी मुख्यालय को अवगत कराते हुए लोक निर्माण विभाग के पीएमजीएसवाई सेल को भी दिया जाय। अनुरक्षण कार्य में लापरवाही पर उन्होंने प्रतापगढ़ के अधिशासी अभियंता को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि अनुरक्षण कार्य को कराएं ही इसका कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ जनपदों में ऐसा भी संज्ञान में आया है कि अनुरक्षण मद में धनराशि की मांग नहीं की जा रही है इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ठेकेदारों का भुगतान समय पर नहीं किया जा रहा है और इससे अनुरक्षण का भी प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने संबंधित अभियंताओं को निर्देश दिया कि वे तत्काल अनुरक्षण मद में धनराशि की मांग करते हुए ठेकेदारों के लम्बित भुगतानों का भुगतान करें। उन्होंने कहा कि भारी बारिश या बाढ़ से जो मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं उनके लिए जिलाधिकारी के माध्यम से अविलम्ब शासन के आपदा प्रकोष्ठ से धनराशि की मांग कर शीघ्र ही मार्गों का अनुरक्षण कराएं। उन्होंने कहा कि जिन पीआईयू ने ठेकेदारों की सिक्योरिटी फोरफिट कर ली है उसका रिहैबिलिटेशन तत्काल कराएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी ठेकेदार पैच मरम्मत ठीक करने के लिए बरसात का बहाना ना बनाएं।
गड्ढामुक्ति कार्य को हर दशा में पूर्ण करना
सीईओ ने कहा कि गड्ढामुक्ति कार्य को हर दशा में पूर्ण करना होगा इस कार्य के लिए कोई भी बहाना नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि जो भी कार्य जनपदों में किया जा रहा है उसकी एंट्री ओमास पर जरूर करें ताकि कार्यों की ऑनलाइन निगरानी के साथ ही उसकी समीक्षा भी की जा सके। उन्होंने भारी यातायात वाली पीएमजीएसवाई की सड़कों की सूची तत्काल भेजने को कहा है। उन्होंने कहा कि कुछ जनपदों से शिकायत आती हैं लेकिन प्रस्ताव नहीं आता है। उन्होंने सभी अभियंताओं को जिन मार्गों पर भारी यातायात है उन मार्गों की सूची जिलाधिकारी की समिति से अनुमोदित करा कर मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से निर्मित मार्ग जो 05 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं और उन पर अनुरक्षण कार्य शेष नहीं है उन सड़कों को लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हस्तांतरित न होने की दशा में संबंधित जनपद के पीआईओ की जिम्मेदारी होगी।
जियो टैगिंग के कार्य को पूर्ण करने
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने जिन जनपदों में जियो टैगिंग का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है उनको तेजी से जियो टैगिंग के कार्य को पूर्ण करने का निर्देश दिया और कहा की दीपावली के पूर्व हर हाल में सभी जनपदों द्वारा जियो टैगिंग का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जियो टैगिंग के कार्य में किसी प्रकार की समस्या आने पर मुख्यालय पर कर समस्या को दूर कराते हुए जियो टैगिंग का कार्य पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि ग्राम पोर्टल पर प्राप्त हो रही हैं शिकायतों का निस्तारण शीघ्रता से करें। उन्होंने शिकायत निस्तारण में देरी पर अभियंताओं को कड़ी फटकार लगाई तथा शनिवार तक सारी शिकायतों को निस्तारित करने का निर्देश दिया। समीक्षा बैठक में मुख्य अभियंता सुधांशु कुमार, मुख्य अभियन्ता पीएमजीएसवाई-सेल लोनिवि सुरेन्द्र कुमार, उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी ब्रजेश त्रिपाठी, अधिशासी अभियन्ता नूर आलम, राज्य गुणवत्ता समन्व्यक मनोज यादव सहित अन्य अभियंतागण उपस्थित थे।