यूरोपीय यूनियन सेफ्टी एजेंसी (EASA) ने अपने 32 मेंबर देशों से कहा है कि वो फौरन पाकिस्तान के पायलटों पर बैन लगाएं. सेफ्टी एजेंसी ने इन देशों को एक लेटर में लिखा- पाकिस्तान में पायलटों के लाइसेंस से जुड़ा बड़ा फ्रॉड सामने आया है. हम किसी तरह का रिस्क नहीं ले सकते. लिहाजा इन पायलटों के एयरक्राफ्ट ऑपरेशन पर फौरन रोक लगाई जाए. दूसरी तरफ पाकिस्तान की एविएशन मिनिस्ट्री ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के 34 पायलट्स को सस्पेंड कर दिया. इनमें दो महिला पायलट भी शामिल हैं.
सेफ्टी एजेंसी ईएएसए ने क्या कहा?
ईएएसए ने मेंबर देशों को लिखे लेटर में कहा, ‘आपको इस बात की जानकारी मिल चुकी है कि पाकिस्तानी पायलटों के एक बड़े तबके के पास फर्जी लाइसेंस (करीब 40%) हैं. यह लाइसेंस पाकिस्तान की सिविल एविएशन अथॉरिटी ने ही जारी किए थे. हमारे लिए यह फिक्र की वजह है. लिहाजा, उन पायलटों पर फौरन रोक लगाएं जिनके पास पाकिस्तान से जारी लाइसेंस हैं. अगर आपके यहां पाकिस्तानी पायलट हैं तो इसकी जानकारी हमें दें.’
34 पायलट्स की नौकरी गई
पाकिस्तान ने 34 पायलटों के लाइसेंस की जांच पूरी करने के बाद इन्हें बर्खास्त कर दिया है. इन सभी के लाइसेंस संदिग्ध पाए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नौकरी से हटाए गए पायलटों में दो महिला पायलट भी शामिल हैं. एविएशन मिनिस्ट्री ने कहा- यह मामला सामने आने के बाद हमारी साख खतरे में है.
6 देश पहले ही लगा चुके हैं बैन
कुवैत, ईरान, जॉर्डन, यूएई जैसे देश पहले ही पीआईए और पाकिस्तानी पायलटों को बैन कर चुके हैं. इसके बाद वियतनाम और ब्रिटेन ने भी यही फैसला किया. अब इस लिस्ट में मलेशिया भी शामिल हो गया है.
कैसे सामने आया फर्जीवाड़ा
22 मई को कराची में पीआईए का प्लेन क्रैश हुआ. 25 जून को इसकी जांच रिपोर्ट संसद में पेश हुई. एविएशन मिनिस्टर ने कहा- हादसा पायलट्स की गलती से हुआ. वो कोरोना पर चर्चा में मशगूल थे. पीआईए में 860 पायलट हैं. 262 के लाइसेंस फर्जी होने का शक है. इनके उड़ान भरने पर रोक लगा दी गई है. दिवालिया होने की कगार पर खड़ी पीआईए की मुश्कलें अब बढ़ती जा रही हैं.