प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल के दौरान आपदा में अवसर का विचार दिया था। इसके अनुरुप समाज व राष्ट्र जीवन में अनेक अभिनव कार्य देखने को मिले। भारत ने पूरी दुनिया में मिसाल कायम की। कोरोना वारियर्स ने सेवा कार्यों का जज्बा दिखाया। केंद्र प्रदेश की सरकार व अनेक सामाजिक संस्थाओं ने भी अपने दायित्वों का निर्वाह किया। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने सरकार के साथ ही कोरोना वारियर्स के कार्यों को सराहनीय बताया।
योगी के सराहनीय कार्य
आनंदी बेन ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के कार्यों की प्रशंसा की। कहा कि उनके नेतृत्व में सुनियोजित तरीके से कोरोना बीमारी को रोकने का सराहनीय प्रयास किया गया। बीमारी के शुरूआती दिनों में हमारे पास चिकित्सा सुविधायें नहीं थी,किन्तु प्रदेश सरकार ने इस दिशा में बहुत तीव्र गति से कार्य किया और आज हमारे पास सुसज्जित अस्पतालों के साथ-साथ कोविड-19 के परीक्षण की सुविधाएं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इस अवसर पर राज्यपाल ने कोरोना वारियर्स अवार्ड से बीस लोगों को सम्मानित किया।
सबका साथ सबका विकास
नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान सबका साथ सबका विकास का संकल्प लिया था। उनकी सरकार इसी संकल्प के अनुरूप कार्य कर रही है। आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि सबका साथ सबका विकास और सबके विश्वास से ही अपने प्रदेश का उत्तम प्रदेश बनाया जा सकता है।समारोह में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के सीईओ आलोक सांवल, महाप्रबन्धक जे के द्विवेदी,राज्य सम्पादक आशुतोष शुक्ल एवं रीजनल एडिटर धर्मेन्द्र सिंह सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे। आनंदीबेन पटेल ने होटल रैडिसन सिटी सेंटर,लखनऊ में आयोजित इस कोविड-19 वारियर्स अवार्ड-2020 के कार्यक्रम को संबोधित किया।
कच्छ का उदाहरण
आपदा में अवसर की चर्चा के दौरान आनन्दी बेन ने कच्छ में आये भूकम्प त्रासदी की चर्चा की। उस समय वह गुजरात सरकार में थी। उन्होंने कहा कि उस समय आयी भीषण त्रासदी के समय हम कुछ नहीं कर सके और भीषण जनहानि हुई, लेकिन हमने धैर्य एवं साहस से काम लिया और सुनियोजित विकास का प्रयास किया। आज कच्छ पहले से भी सुरक्षित और खूबसूरत शहरों में से एक है।
नई शिक्षा नीति
राज्यपाल ने शिक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया। कहा कि वर्तमान में बच्चों की अच्छी शिक्षा हेतु सुरक्षात्मक तरीके से व्यवस्था करनी है। आज आनलाइन शिक्षा की व्यवस्था हो रही है। प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति लागू की है। हमें उसके अनुसार शिक्षा प्रणाली को आगे बढ़ाने के प्रयास सच्चे मन से करना चाहिए। उत्तर प्रदेश के जितने भी विश्वविद्यालय हैं सभी ने शिक्षा प्रणाली को मजबूत करते हुये वेबिनार आयोजित किये हैं। वहां तकनीकी का प्रयोग हुआ है। हमारा प्रयास है कि 2035 तक पचास प्रतिशत से अधिक बच्चे उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम हो सकें। हमारा प्रयास रोजगार मांगने वाला नहीं बल्कि देने वाला होना चाहिए।राज्यपाल ने प्राथमिक शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि कम से कम पांचवी तक की शिक्षा मातृभाषा में हो ऐसे प्रयास होने चाहिए। आज के बच्चे कल के देश रखवाले हैं। अतः उन्हें गुणवत्तायुक्त शिक्षा अनिवार्य रूप से मिलनी चाहिये।
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री