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सर्वांगीण विकास की दिशा में संभावित बजट

  डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

कुछ घण्टों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार का बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। लेकिन किसी सरकार के पिछले कार्यों के आधार पर इसका अनुमान लगाया जा सकता है। इसमें किसान,गरीब श्रमिक युवा,निवेश,ईज ऑफ डूइंग बिजनेस,शिक्षा, स्वस्थ्य,आदि को मजबूत बनाने के प्रस्ताव हो सकते है। विगत चार वर्षों में विकास के मुद्दे पर प्रदेश नम्बर वन की दिशा में अग्रसर है। बजट इस गति को तेज करने में सहायक हो सकता है।

व्यवस्था में बदलाव : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समग्र विकास के अनुरूप माहौल बनाने पर विशेष ध्यान दिया। इसके दृष्टिगत व्यवस्था में बदलाव किया गया। इन सुधारों के माध्यम से विकास कार्यों को आगे बढ़ाना संभव हुआ है। चार वर्षों में विकास के अनेक कीर्तिमान कायम हुए है। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के फौरन बाद प्रदेश के माहौल व व्यवस्था में बदलाव पर फोकस किया था। उनका मानना था कि ऐसा होने के बाद ही विकास को गति मिल सकती है। इसके पहले उत्तर प्रदेश में अनुकूल व्यवस्था का अभाव था।

इसीलिए निवेशकों की उत्तर प्रदेश में कोई दिलचस्पी नहीं थी। योगी आदित्यनाथ ने कुछ महीने पहले कहा था कि उत्तर प्रदेश की धारणा को विकास विश्वास और सुशासन में बदलने में हमें सफलता मिली है। प्रदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों पर आम जन का विश्वास समाप्त हो रहा था,उसे बहाल करते हुए उसे सुशासन की तरफ ले जाने में सफलता मिली है। यूपी पूरे देश में नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। पटरी से उतर चुके विकास की गति को आगे बढ़ाया है। यहां निवेश की संभावनाओं को बढ़ाया गया है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस

योगी आदित्यनाथ दावा था कि हर एक क्षेत्र में यूपी नंबर वन दिख रहा है। इससे हर योजना में हमारा प्रदेश सफल रहा है। यूपी इन्वेस्टर समिट का कार्यक्रम,इंटरस्टेट कनेक्टिविटी का कार्यक्रम के जरिए प्रदेश को विकास की ओर ले जाने का काम किया है। प्रदेश के जिला और तहसील को चार लेन की सड़क से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में सैट एयरपोर्ट हैं और ग्यारह एयरपोर्ट पर काम हो रहा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में बारहवें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है। बजट में प्रदेश को नम्बर वन बनाने का मंसूबा दिखाई दे सकता है। उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट में हस्ताक्षरित चार लाख अड़सठ हजार करोड़ रुपए के सहमति पत्रों के सापेक्ष लगभग तीन लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं संचालित हो गई हैं।

स्वास्थ्य पर ध्यान

स्वतन्त्रता के बाद से योगी सरकार के गठन तक प्रदेश में केवल बारह मेडिकल कॉलेज थे। जबकि विगत चार वर्षों में तीस मेडिकल कॉलेजों के निर्माण पर कार्य चल रहा है। कोरोना काल खंड में स्वास्थ्य सेवाओं का उल्लेखनीय कार्य हुआ। इसकी सराहना विदेशों तक हुई है। बजट में मेडिकल पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। इसी प्रकार ओडीओपी योजना को बढ़ाने के विषय में भी प्रस्ताव हो सकता है। वैसे भी औद्योगिकरण व निवेश के क्षेत्र में चार वर्षों के दौरान अभूतपूर्व कार्य हुए है।

गांव व किसान

योगी सरकार की प्राथमिकता में गरीब श्रमिक व किसान रहे है। बजट में इनकी ओर भी ध्यान दिया जा सकता है। सरकार गठित होने के बाद ही किसाने का छत्तीस हजार करोड़ का कर्ज माफ किया गया था। प्रदेश के अंदर दशकों से लंबित पड़ी लगभग डेढ़ दर्जन सिंचाई की योजनाओं को पूरा किया जा रहा है। प्रदेश के अंदर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा कीमत देने का कार्य सरकार कर रही है।

भंडारण की छमता को बढ़ाया है। इसके साथ ही पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को भी सुधारने का कार्य किया है। पहले गरीबों को राशन नहीं मिलता था। इन दुकानों में ई पॉश मशीन लगाया गया है। इसके माध्यम से यदि किसी व्यक्ति को कोटेदार से समस्या है तो वो दूसरे के यहां से खाद्यान्न ले सकता है।

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