कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अलग-अलग राज्यों के पत्रकारों से वीडियो कांफे्रंसिंग के माध्यम से प्रेस वार्ता की. पत्रकारों से चर्चा करते हुये राहुल गांधी ने सरकार के पैकेज पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब बच्चे को चोट लगी हो तो माँ उसे कर्ज नहीं देती, बल्कि उसके साथ खड़ी रहती है.
उन्होंने कहा कि मगर भारत माता को अपने बच्चों के लिए साहूकार का काम नहीं करना चाहिए. जो प्रवासी रोड पर है उसे कर्ज नहीं पैसे की जरूरत है. किसान को कर्ज की नहीं पैसे की जरूरत है. हमारी रेटिंग किसान बनाते हैं, मजदूर बनाते हैं, छोटे-बड़े व्यावसायी बनाते हैं. विदेश के बारे में, रेटिंग के बारे में मत सोचिए. कहा जा रहा है कि पैसा दिया तो हमारी रेटिंग कम हो जाएगी लेकिन हमें हिन्दुस्तान के दिल की बात सुननी होगी ना कि विदेश की.
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को अपने पैकेज को रिस्ट्रक्चर करना चाहिए. पैकेज देना अच्छा कदम है और मैं उसकी आलोचना नहीं कर रहा लेकिन हमें अपने मजदूरों, किसानों के हाथ में पैसे देने होंगे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इकॉनमी को सही तरह से चलाने के लिए डिमांड और सप्लाई दोनों को स्टार्ट करना होगा.
राहुल गांधी ने कहा कि यह किसी पर दोष मढऩे का वक्त नहीं है. आज देश के सामने बड़ी समस्या है जिसका हमें हल निकालना है. मजदूरों की बात बहुत ही चुनौतीपूर्ण है. जो लोग सड़कों पर हैं उनकी मदद करना और उनकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. और उनके जेब में सीधे पैसा भेजना होगा. इससे ज्यादा कठिन समय उनके जीवन में नहीं आएगा. हमें उन्हें यह एहसास कराना होगा कि हम उनके साथ हैं और उनका सम्मान कम नहीं होने देंगे.