आजादी का अमृत महोत्सव केवल पचहत्तर वर्ष पूरे होने के परिप्रेक्ष में नहीं था। बल्कि इसके माध्यम से एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्प यात्रा का उद्घोष किया। हर घर तिरंगा एक भारत की अभिव्यक्ति थी। इस अवधि की विकास यात्रा ने श्रेष्ठ भारत का भाव जागृत किया।
विकास की द्रष्टि से विगत आठ वर्ष विशेष रूप से उल्लेखनीय रहे हैं। जबकि आठ वर्षों में दो वर्ष वैश्विक महामारी से प्रभावित रहे। इसने विकसित देशों को भी हिला कर रख दिया। भारत ने विश्व की सबसे बड़ी निशुल्क खाद्यान्न और टीकाकरण योजना को क्रियान्वित किया। इसके पहले साठ वर्ष के बाद गरीबों को पेंशन की व्यवस्था की गई। जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया आरोग्य सुविधाएं बढ़ाने के प्रयास किये गए। मेडिकल शिक्षा में पारदर्शिता लाई गईं सुविधाएं बढाई जा रही है। बच्चों की सुरक्षा हेतु कठोर कानून बनाये गए। गरीब कल्याण योजनाओं पर बल दिया गया। तेजी से काम चल रहा है। दो हजार चौदह के पहले लोगों में निराशा थी। केंद्र में मोदी और सबसे बड़े प्रदेश यूपी में योगी सरकार ने विकास के अभूतपूर्व कार्य किए। समर्पण भाव से कार्य किया।
निराशा को आशा में बदल दिया गया। सबको विश्वास हुआ कि देश बदल सकता है। सबका साथ सबका विकास लेकर चले। इसमें सबका विश्वास जुड़ गया। स्वावलंबन के बल पर आगे की यात्रा चल रही है। समस्याओं का समाधान टुकड़ो में नहीं समग्रता से हो रहा है मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक से भयभीत रहती थी। उनके इस भय को दूर किया गया। मुस्लिम मुल्क इसे पहले हटा चुके थे। लेकिन पहले इसे हटाने में संकोच था।
नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि यह सरकार समस्याओं को न पालती है, न उसे छोड़ती है। जनता ने जो काम सौंपा, सरकार उसे पूरा कर रही है। पिछली सरकारों ने प्रयास किये, लेकिन उसके परिणाम नहीं मिले।
जम्मू कश्मीर के साथ न्याय नहीं हुआ था। अनुच्छेद तीन सौ सत्तर व पैंतीस ए को हटाया गया। वहां के लोगों को न्याय मिला। दलित, पिछड़ों को लाभ मिलेगा। इन्हें आजादी मिली। पाकिस्तान से जो यहां आए थे, उन्हें मानवीय व नागरिक अधिकार नहीं मिले थे। अब यह संभव हुआ। अलगाववाद, आतंकवाद,परिवार वाद दूर हुआ. वन नेशन वन कॉन्स्टिट्यूशन संभव हुआ। इसके पहले वन नेशन वन टैक्स, वन नेशन वन ग्रिड को लागू किया गया।
गरीबों के लिए जनधन खाते खोले गए, शौचालय बनाये गए, आवास बनाये जा रहे है। उनके घरों में पेयजल पहुंचाने प्रयास हो रहा है। जल जीवन मिशन योजना शुरू होगी। सत्तर वर्ष में नहीं हुआ, उससे चार गुना काम अगले कुछ वर्षों में पूरा हो जाएगा. पिछले कार्यकाल में औसत प्रतिदिन एक अनुपयोगी कानून हटाये गए। यजी ऑफ डूइंग बिजनेस में अभूतपूर्व सफलता मिली। आमजन के जीवन को भी सरकार आसान बनाने का प्रयास किया है।
भारत को विकसित बनाया जा रहाहै। पहले सरकारें बताती थी कि किस क्षेत्र को क्या दिया,अब देश के लिए क्या हुआ इस पर कार्य हो रहा है। अब पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का भारत बनेगा। सत्तर साल में दो ट्रिलियन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था थी। पिछले पांच वर्षों में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़े गए। किसानों का आय दुगनी होगी, सबके पास मकान होगा, ब्लू अकोनॉमी बढ़ेगी, प्रत्येक घर मे बिजली, शौचालय होगा, प्रत्येक जिले निर्यात का हब बनेगा,किसान भी निर्यातक बनेगा सबको आरोग्य सुविधा होगी, पर्यटन को विश्व स्तरीय बनाया जाएगा, दुनिया भारत को नए ढंग से देखने को तैयार है.इन सब प्रयासों से भारत विकसित बनेगा। विश्व अब भारत के साथ व्यापार व निवेश बढ़ाने को उत्सुक है। भारत के उद्योगपति भी निवेश को तैयार है। नकारात्मक मान्यताएं समाप्त हो रही हैं. लखनऊ में योगी
आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले पचहत्तर वर्षों की यात्रा आत्ममंथन के साथ आगामी पच्चीस वर्षों की कार्ययोजना से जोड़ने का अवसर भी प्रदान कर रही है। आज भारत एक नये भारत के रूप में बढ़ रहा है। वैश्विक मंच पर भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी के साथ उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में दिखाई दे रहा है। दुनिया में एक विश्वास के रूप में भारत को देखा जा रहा है। भारत आज खाद्यान्न के बाद रक्षा क्षेत्र आत्मनिर्भरता बन रहा है।
प्रदेश तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आया है। प्रदेश के बारे में लोगों की सोच बदली है। विगत पांच वर्षाें में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लगभग दो गुना करने में सफलता प्राप्त हुई है। इसी अवधि में राज्य में प्रति व्यक्ति आय को भी दोगुना करने का प्रयास किया गया है।
राज्य में आधारभूत संरचना का व्यापक संजाल स्थापित किया गया है। सरकार ने प्रयास किया है कि प्रति वर्ष सिविल-सैन्य सम्पर्क सम्मेलन के माध्यम से सेना से जुड़ी समस्याओं का समाधान शासन के प्रत्येक स्तर पर संवेदनशीलता तथा समयबद्धता के साथ हो सके। केंद्र सरकार द्वारा देश में स्थापित किये जा रहे दो डिफेंस कॉरिडोर में से एक की स्थापना उत्तर प्रदेश में की जा रही है। प्रदेश में इसके छह नोड विकसित हो रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के साथ ही निजी क्षेत्र भी यहां निवेश करने को उत्सुक है। यह नये भारत की नयी तस्वीर को हमारे सामने प्रस्तुत करता है।