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स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों और महंत राजू दास के बीच जमकर मारपीट, जानिए क्या है वजह

खनऊ के गोमती नगर स्थित होटल ताज में बुधवार दोपहर एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे पूर्व मंत्री सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और अयोध्या के हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास के बीच मानस को लेकर विवाद हो गया।

स्वामी प्रसाद समर्थकों और महंत राजू दास के बीच मारपीट

नौबत मारपीट तक पहुंच गई। देर रात तक किसी भी पक्ष की ओर से तहरीर नहीं दी गई थी। हालांकि, राजू दास ने कहा कि वह रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। होटल ताज में सुबह से ही एबीपी का समागम कार्यक्रम चल रहा था।

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दोपहर में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और महंत राजू दास को भी कार्यक्रम में प्रतिभाग करना था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार महंत राजू दास होटल की लॉबी में अपने दो-तीन समर्थकों के साथ मौजूद थे। इसी बीच अपना सेशन खत्म कर स्वामी प्रसाद मौर्य अपने समर्थकों सहित होटल से निकलने वाले ही थे कि तभी राजू दास की नजर मौर्य पर पड़ी और वह उनकी ओर बढ़ते हुए जय श्रीराम के नारे लगाने लगे। इससे खफा स्वामी समर्थकों ने राजू दास का विरोध किया।

गोमतीनगर इंस्पेक्टर दिनेश कुमार मिश्र का कहना है कि जब महंत राजू दास और स्वामी प्रसाद के समर्थकों के बीच हाथापाई हो रही थी, उस समय तक स्वामी प्रसाद वहां से निकल गये थे। राजू दास और समर्थकों के बीच पहले बहस हुई, फिर समर्थकों ने राजू दास के साथ हाथापाई और धक्का-मुक्की की। इस मामले में अभी तक किसी भी पक्ष ने तहरीर नहीं दी है। इस मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य का पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन न तो उन्होंने बात की न ही उनके किसी प्रतिनिधि ने पूर्व मंत्री का पक्ष रखा।

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अयोध्या में  हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने ताज होटल में हुई घटना पर कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य उनकी हत्या करा सकते हैं। वह उनके अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं। जल्दी ही उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे। वह ताज होटल में आयोजित एबीपी चैनल के कार्यक्रम में जा रहे थे और स्वामी प्रसाद वहां से लौट रहे थे। इसी दौरान उनके समर्थकों ने पहले अपशब्द कहे।

इसके बाद ही बात बढ़ी। वह अकेले थे, इसके बावजूद उन्होंने कड़ा जवाब दिया। राजू दास ने कहा कि आप बीजेपी को गाली दीजिए, संघ को गाली दीजिए लेकिन बीजेपी मतलब रामचरित मानस नहीं होता है। बीजेपी मतलब रामायण नहीं होता है। ब्राह्मण नहीं होता है, साधू -संत नहीं होता है। स्वामी प्रसाद की राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है। अब इनके पास कोई काम नहीं है। अब ये केवल साधू, संत व हिन्दुत्व को गाली देने का काम कर रहे हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार चंद सेकेंड में ही लोग उत्तेजित हो गए और मारपीट शुरू हो गई। आरोप है कि स्वामी समर्थकों ने महंत को न सिर्फ पीटा बल्कि उनकी पगड़ी भी उतारकर फेंक दी। बताया जाता है कि जैसे ही विवाद शुरू हुआ तो स्वामी प्रसाद वहां से निकल गए इसी बीच उनके समर्थकों ने महंत और उनके साथ मौजूद लोगों को पीट दिया। महंत और उनके साथ मौजूद लोगों ने भी मारपीट की। हंगामा देख वहां मौजूद होटल स्टाफ और पुलिस कर्मियों ने किसी तरह से मामला शांत कराया।

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