• जागरूकता रथ करेगा मलेरिया और डेंगू के प्रति जागरूक
• मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता रथ रवाना
कानपुर नगर। मच्छर जनित बीमारियों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि पर नियंत्रण और इन बीमारियों के प्रति समुदाय में जागरूकता लाने के लिए एम्बेड परियोजना द्वारा वर्ष में दो बार जागरूकता रथ चलाया जाता है। इसी के तहत गुरुवार को जागरूकता रथ को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी एवं मलेरिया सलाहकार के दिशा निर्देशन में मलेरिया विभाग व फैमिली हेल्थ इंडिया की एंबेड टीम के कार्यकर्ताओं द्वारा चयनित 200 गांव में विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मलेरिया रथ के साथ घूम घूम कर बुखार से पीड़ित मरीजों की निशुल्क खून की जांच एवं उपचार, लार्वा सर्वे एवं विनष्टीकरण लगातार किया जाएगा।
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सीएमओ ने कहा कि अभी लू चल रही है तो मच्छरों का प्रकोप कम है लेकिन घरों में मच्छरों का खतरा रहता है क्योंकि कूलर तथा एसी के कारण मच्छर पनपते हैं। आगे बारिश के समय मच्छरों के कारण डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया बीमारी फैलने का खतरा रहेगा। इसके लिए बारिश के मौसम से पहले ही सभी को जागरूक किया जा रहा है ताकि मच्छर जनित बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि एम्बेड द्वारा संचारी रोग नियंत्रण हेतु यह अच्छी पहल है, इस रथ के माध्यम से शहरी बस्तियों में लोग मच्छरों के पनपने के स्थानों को पहचान कर उनकी पैदाइश रोकने हेतु जागरूक होंगे।
जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने कहा कि आगे बरसात का मौसम आने वाला है,इस मौसम में जगह जगह जलभराव के कारण मच्छर पनपते हैं, यदि हम अभी से अपने घरों के अंदर एवं आस पास स्वच्छता रखें तो बरसात में मच्छरों की पैदाइश को रोक सकते है। जिला समन्वयक फैमिली हेल्थ इंडिया एंबेड परियोजना सम्मान सिंह ने बताया कि डेंगू, मलेरिया से सुरक्षा व सावधानियों के प्रसार के लिए एंबेड टीम द्वारा घर-घर भ्रमण कर लोगों के समक्ष मच्छर के लार्वा कैसे पनपते है आदि के बारे में बताया जायेगा।
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डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए नियमित रूप से मच्छरदानी का उपयोग करने, जलभराव को रोकने, पानी के बर्तन, कूलर, टंकी, ड्रम आदि को नियमित रूप से हर तीसरे, चौथे दिन साफ करने, घरों से टायर, टूटे-फूटे खिलौने/कबाड़ हटाने तथा साफ सफाई रखने के लिए प्रेरित कर व्यवहार परिवर्तन की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि टीम के 10 बीसीसीएफ़ कार्यकर्ता प्रतिदिन क्षेत्र में जाते हैं और प्रत्येक कार्यकर्ता द्वारा बस्ती के 50-60 घरों में जाकर व्यवहार परिवर्तन हेतु गतिविधियाँ की जाती हैं।
इस अवसर पर वेक्टर बार्न डिजीज (वीबीडी) के नोडल अधिकारी डॉ आरपी मिश्रा, वीबीडी सलाहकार अमृता, कार्यक्रम सहायक एम्बेड परियोजना सचिन मिश्रा सहित एम्बेड परियोजना के बीसीसीएफ अर्चना शुक्ला, आशा वर्मा एवं जिला मलेरिया कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर