एक चिकित्सक का व्यवसाय दया का व्यवसाय होता है। इसमें सबसे आवश्यक भावना करुणा की होती है। आज कोरोना वायरस के वैश्विक संक्रमण के चलते जो चिंताजनक हालात बन गए हैं, उसमें समाज के सभी वर्गों, संस्थाओं और सरकारों को मिलकर कार्य करना होगा। हर्ष का विषय है कि लगभग हर जगह ऐसा ही हो रहा है। ऐसी ही एक संस्था है संत निरंकारी मिशन, जो एक लंबे समय से आध्यात्मिक और सामाजिक कल्याण के प्रति समर्पित है। मिशन के लाखों सेवादार और श्रद्धालु भक्त अपने सतगुरु के आदेशानुसार हर प्रकार की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। चाहे रक्तदान हो, स्वच्छता अभियान हो, पौधरोपण हो या फिर आपदा में राहत एवं पुनर्वास के कार्यक्रम, सेवादार सेवा भाव से कार्य में जुट जाते हैं। जैसे ही कोरोना संक्रमण का प्रभाव शुरू हुआ, सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने सभी भक्तों से समाज में आर्थिक रूप से दुर्बल भाइयों और बहनों के लिए भोजन व राशन की सेवा के लिए आगे आने आग्रह किया।
तभी से मिशन द्वारा रोजाना एक लाख लोगों को भोजन दिया जा रहा है। लगभग एक लाख परिवारों को राशन किट भी बांटी जा चुकी है। आज के नाज़ुक दौर में भी मिशन के सेवादार रक्तदान के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। मिशन ने अपने सत्संग भवन, स्कूल राज्य और केंद्रीय सरकारों को क्वारंटीन सेंटर के रूप में प्रयोग करने के लिए दिए हैं।
संत निरंकारी मिशन द्वारा पीएम केयर्स फंड में 5 करोड़ की धनराशि का योगदान दिया गया है, जिसकी स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर प्रसंशा की। इसके अलावा मिशन द्वारा पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र के सीएम फंड में भी 50-50 लाख रुपये का योगदान दिया गया है। मिशन के द्वारा दिल्ली सरकार को 10000 पीपीई किट भी उपलब्ध करवाई गई है।
इन सभी योगदानों के साथ-साथ, मिशन ने उजाला सिग्नस हॉस्पिटल के चार प्रदेशों में स्थित 12 अस्पतालों के मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों के लिए भी 200 पीपीई किट का महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उजाला सिग्नस हॉस्पिटल ग्रुप इस सेवा के लिए मिशन का हृदय से धन्यवाद करते हुए कहा है कि संत निरंकारी मिशन की शिक्षा और मिशन के सेवादारों की भेदभाव से ऊपर उठकर सेवा करने की भावना को शत-शत नमन है।
संत निरंकारी मिशन ने बनाया 1000 बेड का कोविड सेंटर
संत निरंकारी मिशन ने सदगुरु सुदीक्षा जी महाराज की प्रेरणा से बुराडी रोड स्थित ग्राउंड नं. 8 के विशाल सत्संग भवन को कोविड-19 महामारी से ग्रस्त मरीजों के इलाज के लिए 1000 से भी अधिक बेड का ट्रीटमेंट सेंटर बनाया है, जिसमें सरकार के सहयोग से मरीजों के खाने-पीने की व्यवस्था मिशन द्वारा की जाएगी। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस सेंटर का निरीक्षण कर मिशन के सहयोग की सराहना की। देश के अन्य कई नगरों में भी निरंकारी भवनों को कोविड-19 ट्रीटमेंट सेंटर में बदला गया है और रक्तदान शिविर भी लगाए जा रहे हैं।
लखनऊ में निरंकारी सत्संग भवन पर टीकाकरण अभियान 7 जून से
संत निरंकारी मंडल की प्रमुख सदगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की प्रेरणा से सोमवार 7 जून से यूपी की राजधानी लखनऊ में 1-डी, सिंगार नगर स्थित सत्संग भवन पर (कोविड-19) से बचाव के लिए निःशुल्क टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है।
इस अभियान में 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। 7 जून से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान में लोगों को अपना आधार कार्ड लेकर प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे के भीतर सिंगार नगर सत्संग भवन पहुचना होगा। लखनऊ के जोनल इंचार्ज रितेश टंडन ने लोगों से अनुरोध किया है कि जिन्होंने अभी तक अपना टीकाकरण नही करवाया है, वे इस टीकाकरण अभियान से लाभ ले सकते हैं।
संत निरंकारी मंडल देहरादून ने मुख्यमंत्री को सौंपे कोरोना संक्रमण से बचाव के उपकरण और मास्क
जरूरतमंदों की मदद को धार्मिक संगठन आगे आ रहे हैं। इसी क्रम में संत निरंकारी मंडल देहरादून ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को 40 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स भेंट किए। इनमें से 20 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स गढ़ी कैंट बोर्ड की ओर से संचालित हॉस्पिटल व अन्य पर्वतीय जिलों में अस्पतालों को भेजे जाएंगे।
सरकार का फोकस अधिक से अधिक जांच पर है। जांच के साथ ही दवा की किट भी दी जा रही है ताकि प्राथमिक उपचार घर पर ही मिल सके। इस दौरान संत निरंकारी मंडल के जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने उत्तराखंड के समस्त सत्संग भवनों को कोविड सेंटर के रूप में परिवर्तित करने का सहमति पत्र भी मुख्यमंत्री को सौंपा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व गणेश जोशी के अलावा हेमकुंड फाउंडेशन के निदेशक हरतीरथ सिंह व उत्तराखंड समन्वयक संजय कुमार आदि उपस्थित थे।