Film padmavat फिल्म पद्मावत की रिलीज को बैन करने की मांग जारी है। एक ओर जहां फिल्म 25 जनवरी को रिलीज हो रही है वहीं दूसरी ओर देश के अलग-अलग कोनों में विरोध का स्वर बढ़ता जा रहा है।
बदला गया है Film padmavat का नाम
Film padmavat का नाम भले ही बदल दिया गया हो लेकिन फिर भी इसका विरोध हो रहा है। देश में जुलूस, तोड़फोड़, आगजनी, पुतला दहन, ज्ञापन और जौहर आदि किए जाने की धमकियां मिल रही है।
- लोग इस फिल्म को रिलीज न किए जाने की मांग कर रहें हैं।
- विरोध करने वालों का कहना है कि नाम बदलने से कहानी नहीं बदल जाती है।
- ऐसे में भीमडियास ग्राम निवासी भूपेन्द्र सिंह राठौड ने इस फिल्म को बैन कराने के लिए आत्मदाही की कोशिश की।
- भूपेन्द्र सिंह राठौड भीलवाड़ा में बीएसएनएल कार्यालय स्थित 350 फिट ऊंचे मोबाईल टॉवर पर चढ़ गए।
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कई राज्यों में हो रहा विरोध
- खास बात तो यह है कि इस दौरान वह अपने साथ पेट्रोल की बोतल लेकर गए।
- विरोध कर रहे भूपेन्द्र सिंह राठौड का कहना है कि फिल्म जब तक बैन नहीं होगी वह नीचे नहीं उतरेगा।
- बता दें कि इस फिल्म को लेकर राजस्थान समेत कई राज्यों में विरोध हो रहा है।
- वहीं हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस फिल्म को 25 जनवरी को देश भर में रिलीज होने की परमीशन दे दी है।
- ऐसे में राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार ने SC में उसके ही फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है।
- अब ऐसे में इस पूरे मामले की सुनवाई 23 जनवरी को होगी।
- पद्मावत फिल्म का विवाद पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के प्रसंगों को लेकर है।
- राजस्थान की करणी सेना समेत कुछ संगठनों का आरोप है।
- अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के प्रेम प्रसंगों को गलत दिखाया जा रहा है।
- राजकुमारी पद्मावती एक पद्मिनी थी, यानी वह सोलह कलाओं से परिपूर्ण थी।
- वहीं भारतीय मिथ में लक्ष्मीनाराण सोलह कलाओं से परिपूर्ण माने जाते हैं।
- अतः उससे विवाह करने वाला उससे किसी तरह कम नहीं होता।
- ऐसी नारियां धरती पर कभी कभी आती हैं।
- मार्कण्डेय पुराण में पद्मिनी को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।