भारत और फिनलैंड के बीच के रिश्ते और मजबूत होते जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच प्रवास और गतिशीलता पर पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यवस्था बनाने को लेकर संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर हुए। इस संयुक्त घोषणा के दौरान भारत के संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और फिनलैंड की रोजगार मंत्री तुउला हैटेनेन शामिल रहे। संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर करने के अवसर पर भारत में फ़िनलैंड के राजदूत रितवा कोक्कू-रोंडे और भारत और फ़िनलैंड सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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हस्ताक्षर करने के बाद विदेश राज्य मंत्री वीo मुरलीधरन ने ट्वीट किया कि फिनलैंड के रोजगार मंत्री के साथ भारत और फिनलैंड के बीच प्रवास और गतिशीलता पर संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने पर खुशी हुई। व्यापार, निवेश, प्रवासन और गतिशीलता और लोगों से लोगों के संपर्क में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
एक और ट्वीट में कहा कि छात्रों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और व्यवसायिक व्यक्तियों के आवागमन को सुविधाजनक बनाकर भारतीयों, विशेष रूप से युवाओं को लाभ पहुँचाने के लिए गतिशीलता और प्रवासन भागीदारी समझौतों को समाप्त करने का प्रयास हमारे व्यापक हित में फिट बैठता है। विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि भारत और फिनलैंड लोकतंत्र, स्वतंत्रता, कानून के शासन और मानवाधिकारों के सम्मान के सामान्य मूल्यों पर आधारित गर्म और मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करते हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री सना मारिन के बीच 16 मार्च, 2021 को आयोजित दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन और आभासी शिखर सम्मेलन के मौके पर 4 मई को हुई बातचीत ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक मजबूत गति प्रदान की है।भारत और फिनलैंड के बीच परंपरागत रूप से मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। हाल के वर्षों में, दोनों पक्षों द्वारा अनुसंधान, नवाचार और निवेश में सहयोग से द्विपक्षीय संबंधों में विविधता आई है।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी